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Gyanvapi case( Photo Credit : social media)
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में आज यानि रविवार को लगातार तीसरे दिन सर्वे शुरू हो गया. सर्वे सुबह लगभग आठ बजे से आरंभ हुआ. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 4 टीमें सर्वे में लगी हुई हैं. कल यानि पांच अगस्त को एएसआई ने दो शिफ्ट में पांच घंटे से ज्यादा समय तक मैपिंग की. सर्वे के बाद हिंदू पक्ष का दावा है कि तहखाने की दीवार पर मनुष्य और पशु के शरीर वाली मूर्ति सामने आई है. हिंदू पक्ष की ओर से याचिका दायर करने वाली महिला सीता साहू ने एक मूर्ति मिलने का दावा किया है. सीता साहू के अनुसार, ये मूर्ति किसकी है. इसकी जांच की जाएगी. साहू के अनुसार, मूर्ति में जो आकृति है, वह आधी पशु और आधी मानव की बताई गई है. ऐसा दावा है कि सर्वे के डर से मुस्लिम पक्ष ने कुछ मूर्तियां यहां पर छिपाकर रखी हैं. हिंदू पक्ष का कहना है कि मलबा हटने के बाद कई सबूत सामने आ सकते हैं.
ASI की टीम संग वकील भी
सर्वे के दौरान एएसआई की टीम के संग कई वकील भी शामिल हैं। उनका कहना है कि सर्वे के दौरान कुछ जगहों पर मशीनों से भी जांच हुई है। अदालत के आदेश के अनुसार, खुदाई और तोड़फोड़ के बिना ये जांच हो रही है। वकीलों के अनुसार, ASI के 40 सदस्यों की चार टीमों में बांटकर सर्वे जारी किया है। यहां पर कई जगहों पर मलबा एकत्र है।
जीपीआर तकनीक से खुलासा
जांच में अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। एएसआई के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक बीआर. मणि के अनुसार, जीपीआर टेक्नोलॉजी का काम बिना तोड़फोड़ के पता लगाना है कि परिसर के नीचे कोई मूर्ति दबी हुई है या नहीं. एएसआई के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक बीआर.मणि के अनुसार, जीपीआर टेक्नोलॉजी में कई तरह की खास डिवाइस शामिल होती है।
Source : News Nation Bureau