असम और मेघालय 12 में से 6 सीमा विवादों को सुलझाने के प्रयास में
असम और मेघालय 12 में से 6 सीमा विवादों को सुलझाने के प्रयास में
गुवाहाटी:
असम और मेघालय के लंबे समय से लंबित 12 अंतर्राज्यीय सीमा विवादों में से दिसंबर तक 6 को सुलझा लिए जाने की उम्मीद है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मंगलवार को विवादित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद यह बात कही।असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा, उनके मेघालय समकक्ष कोनराड के. संगमा के साथ अन्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को दो पूर्वोत्तर राज्यों के साथ लगते विवादित क्षेत्रों का दौरा किया और मीडिया से कहा कि इस उद्देश्य के लिए गठित क्षेत्रीय समितियों को अपनी रिपोर्ट 30 नवंबर तक जमा करनी होगी।
संगमा ने कहा कि अंतर्राज्यीय सीमा विवाद के कारण विभिन्न सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं का कार्यान्वयन प्रभावित हो रहा है।
उन्होंने कहा, बिजली, पानी, स्वास्थ्य से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन जटिल हो गया है और इसलिए हम जल्द से जल्द सीमा मुद्दों को हल करने की कोशिश कर रहे हैं। 50 साल बीत चुके हैं, लेकिन सीमा विवाद बना हुआ है और अक्सर विभिन्न समस्याएं पैदा करता है।
बाद में मेघालय के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, हमने क्षेत्रीय समितियों को अपनी रिपोर्ट 30 नवंबर, 2021 को या उससे पहले हिमंत बिस्व सरमा जी और मुझे भेजने के लिए एक समय सीमा दी है। इसके बाद हमारे संबंधित राज्यों के हितधारकों के साथ परामर्श किया जाएगा।
सरमा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में असम और मेघालय सरकारें ईमानदारी से सीमा विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश कर रही हैं।
उन्होंने मीडिया से कहा, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री दोनों हमारे प्रयासों की निगरानी कर रहे हैं। हम गुवाहाटी और शिलांग में बैठकर विवाद को निपटाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। जमीनी हकीकत, ऐतिहासिक पहलुओं, भावनाओं और लोगों की राय जानने के लिए हम सटीक स्थानों का दौरा कर रहे हैं।
सरमा ने ट्वीट किया, विश्वास निर्माण के उपाय के तहत और असम व मेघालय के बीच एक दशक पुराने अंतर-राज्यीय सीमा मुद्दे का स्थायी समाधान खोजने के लिए मैं और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कामरूप में लोअर लुंपी का दौरा किया और वहां एक कार्यक्रम में भाग लिया।
उन्होंने आगे लिखा, 12 स्थानों पर सीमा विवाद को निपटाने के लिए अगस्त में असम और मेघालय ने पांच पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कैबिनेट मंत्रियों और दोनों राज्यों के अधिकारियों के नेतृत्व में विभिन्न क्षेत्रीय समितियों का गठन किया था। ये समितयां ऐतिहासिक तथ्य, जातीयता, प्रशासनिक सुविधा, भूमि की निकटता और लोगों की भावनाओं का ध्यान रखेंगी।
असम के मुख्यमंत्री के अनुसार, असम के कछार, कामरूप और कामरूप (मेट्रो) जिलों और मेघालय के पश्चिम खासी हिल्स, री-भोई और पूर्वी जयंतिया हिल्स जिलों के साथ 12 स्थानों में से कम जटिलताओं वाले छह विवादित स्थानों का समाधान पहले किया जाएगा।
असम का नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम के साथ सीमा विवाद है। नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के साथ असम के सीमा विवाद के मामले सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हैं, लेकिन मेघालय और मिजोरम के साथ अंतर-राज्यीय विवादों पर कोई मामला नहीं है।
हाल ही में, असम और नागालैंड ने विवादित स्थानों से राज्य बलों को हटाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। असम के मुख्यमंत्री ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के अपने समकक्ष पेमा खांडू के साथ सीमा विवादों के अदालत के बाहर समाधान के बारे में चर्चा की।
26 जुलाई को असम-मिजोरम सीमा पर अब तक की सबसे भीषण हिंसा में असम पुलिस के छह जवान शहीद हो गए और दोनों पड़ोसी राज्यों के लगभग 100 नागरिक और सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
राज्यों के बीच परेशानी उनकी क्षेत्रीय स्थिति की परस्पर विरोधी व्याख्याओं के कारण है, जबकि मिजोरम का कहना है कि वह सीमा रेखा 1875 के बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन एक्ट में निर्धारित असम के 1933 में हुए सीमांकन का समर्थन करता है।
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