असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को कहा कि गोरखा व्यापक असमिया समुदाय का अभिन्न अंग हैं।
सरमा ने सोनितपुर जिले के गरपाल में आयोजित असम गोरखा सम्मेलन में भाग लेते हुए कहा कि असम में गोरखा समुदाय के सदस्यों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गंभीर प्रयास किए गए हैं।
उन्होंने कहा, राज्य में मौजूदा सरकार ने विदेशियों की पहचान के नाम पर असम में गोरखाओं के उत्पीड़न का अंत कर दिया है। मुख्यमंत्री ने समुदाय के सदस्यों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से गोरखाओं को संरक्षित वर्ग का दर्जा देने जैसी कई पहलों के बारे में भी बताया।
सरमा ने कहा कि अब से असम गोरखा सम्मेलन के पास समुदाय के योग्य सदस्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि समर्पित पोर्टलों के माध्यम से गोरखा प्रमाण पत्र जारी करने के लिए कदम उठाए जाएंगे, यह पहल राज्य के गोरखा युवाओं को सशस्त्र बलों में भर्ती होने में मददगार साबित होगी।
मुख्यमंत्री ने असम के गोरखाओं से अपील की कि वे खुद को अपनी जड़ों से अलग न करें और अपनी वीरता की गौरव गाथा को संरक्षित करने की दिशा में काम करें।
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Source : IANS