असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को नागांव जिले के उपायुक्त को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई, क्योंकि उनकी यात्रा के दौरान राजमार्ग पर यातायात रोक दिया गया था। मुख्यमंत्री ने इसे उनकी यात्रा के दौरान नहीं दोहराए जाने का निर्देश दिया।
सरमा ने पहले भाजपा नेताओं सहित सभी से व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी संस्कृति से दूर रहने और अपनी सुरक्षा शक्ति में भारी कटौती करने का आग्रह किया था।
एक आधिकारिक समारोह के लिए जाते समय मुख्यमंत्री ने अचानक अपने काफिले को रोक दिया और राष्ट्रीय राजमार्ग-37 पर गुमोथागांव में अपनी कार से उतर गए और कहा, डीसी साहब ये क्या नाटक है? ट्रैफिक क्यों रुकवाया है, कोई राजा-महाराजा जा रहा है क्या? ऐसा मत करो फिर से। लोगों को कष्ट होता है।
मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद कई यात्री बसों सहित कई फंसे हुए वाहन चलने लगे। बाद में सरमा ने ट्वीट किया, हमारे राज्य में हम एक ऐसी संस्कृति बनाना चाहते हैं, जहां डीसी, एसपी या कोई भी सरकारी कर्मचारी/जन प्रतिनिधि- पृष्ठभूमि, बौद्धिक क्षमता या लोकप्रियता के बावजूद केवल लोगों के लिए काम करेगा, बाबू मानसिकता को बदलना कठिन है, लेकिन हम अपने लक्ष्य-जनता जनार्दन की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सरमा ने इससे पहले गुवाहाटी में अपने काफिले को 22 वाहनों के बेड़े से घटाकर सात से आठ करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक बैठक में असम कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि पीएसओ को मुख्य सुरक्षा समीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात किया जाएगा।
सरमा ने कहा, अब 4,240 से अधिक पीएसओ राजनेताओं, सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों, व्यापारियों, आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों, चाय बागान मालिकों और अन्य लोगों के साथ तैनात किए जा रहे हैं। इन पर सालाना 400 करोड़ रुपये खर्च आता है। यह जारी नहीं रह सकता।
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Source : IANS