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गुरु नानक देव का अध्यात्म और मानवता का मार्ग सामाजिक सौहार्द का मूलमंत्र: एम वेंकैया नायडू

गुरुपर्व के रूप में आज मनायी जा रही गुरु नानक जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नायडू ने कहा, ‘गुरु नानक देव जी की 550 वीं जयंती के इस पावन अवसर पर विश्व के मूर्धन्य लोकतांत्रिक आध्यात्मिक गुरु के चरणों में सादर प्रणाम करता हूं.

Updated on: 12 Nov 2019, 12:13 PM

दिल्ली:

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव की शिक्षाओं को सामाजिक सौहार्द का मूलमंत्र बताते हुए देशवासियों से इनका अनुसरण करने की अपील की है. गुरुपर्व के रूप में आज मनायी जा रही गुरु नानक जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नायडू ने कहा, ‘गुरु नानक देव जी की 550 वीं जयंती के इस पावन अवसर पर विश्व के मूर्धन्य लोकतांत्रिक आध्यात्मिक गुरु के चरणों में सादर प्रणाम करता हूं. गुरु नानक देव जी ने मानवता को शांति, आध्यात्मिकता, करुणा, समानता और सहिष्णुता का मार्ग दिखाया.’

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘गुरु नानक देव जी ने सामान्य जनसाधारण के लिए भी आध्यात्म के गूढ़ रहस्यों को सरल भाषा में सुग्राह्य बनाया. उनकी वाणी ने हमारी आध्यात्मिक परंपरा और भाषायी विरासत, दोनों को समृद्ध किया.’ गुरु नानक की शिक्षाओं का ज़िक्र करते हुए नायडू ने कहा, ‘गुरु नानक देव जी ने सेवा, सहिष्णुता और समानता को जीवन का आधार बनाने की शिक्षा दी। उन्होंने धर्म, जाति, क्षेत्र और लैंगिक विभेद से ऊपर उठ कर, लोगों को ‘नाम जपो, कीरत करो, वंद छको’ का अमर मंत्र दिया.‘ उपराष्ट्रपति ने देशवासियों से अपील की कि इस पावन अवसर पर हम सब गुरु नानक देव जी के दिखाए अध्यात्म और मानवता के मार्ग का अनुसरण करें तथा समाज में शांति, सेवाभाव और सौहार्द सुनिश्चित करें. 

बात करें, आज देशभर में गुरुनानक जयंती की धूम दिखाई दे रही है. आज यानी 12 नवंबर को गुरु नानक की 550वीं जयंकी मनाई जा रही है. गुरु नानक जयंती को 'गुरु पर्व' के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन को सिख धर्म में 'प्रकाश उत्सव' भी कहा जाता है. इस खास मौके पर देशभर के गुरुद्वारा को दुल्हन की तरह सजाया जाता है तो वहीं कीर्तन और लंगर की खास व्यवस्था की जाती है. हिंदू पंचाग के मुताबिक, गुरु पर्व कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है जो सिखों के लिए काफी खास होता है.