गुरुग्राम के कासन गांव के पूर्व सरपंच के परिवार के चौथे व्यक्ति, जो हथियारबंद हमलावरों द्वारा परिवार पर ताबड़तोड़ फायरिंग में घायल हो गया था, ने भी दम तोड़ दिया है। इससे पहले एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
मृतक की पहचान बलराम (40) के रूप में हुई है, जिसे गोली लगी थी और उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अपराधियों के खिलाफ पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ पीड़ित परिवार ने सोमवार को अस्पताल के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने से इनकार कर दिया।
विरोध प्रदर्शन में शामिल परिवार के एक सदस्य ने कहा, घटना के कई दिनों बाद, पुलिस ने अभी तक कथित अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया है। पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को अपराधियों द्वारा धमकाया जा रहा है और हमारी शिकायतों के बावजूद पुलिस अपराधियों को पकड़ने में विफल रही है। पुलिस को कथित अपराधियों को मार गिराना चाहिए। हम अपने परिवार के सदस्य का शव तब तक नहीं लेंगे, जब तक पुलिस अपराधियों का एनकाउंटर नहीं कर देती।
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता सुभाष बोकेन ने कहा, तीन लोगों - विकास (21), सोहनपाल (35) और प्रवीण (38) की पहले मौत हो गई थी। चौथे व्यक्ति बलराम ने रविवार को दम तोड़ दिया। 8 साल के बच्चे समेत इसी परिवार के दो और लोगों का इलाज चल रहा है और उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
इससे पहले शिकायतकर्ता राजेश कुमार ने पुलिस को बताया था कि वह दिवाली की शाम अपने भतीजे बलराम, सोहनपाल और प्रवीण के साथ घर के अंदर थे, जबकि उनका बेटा विकास राघव और बलराम का आठ साल का बेटा यश चौहान लॉन में दिवाली मना रहा था और उसी समय उन पर हमला हो गया।
उन्होंने कहा, हमलावरों ने घर में प्रवेश किया और हम पर गोलियां चला दीं। विकास को कई गोलियां लगीं और जब हमने शोर मचाया तो सभी हथियारबंद अपराधी मौके से भाग गए।
शिकायतकर्ता राजेश कुमार ने बताया था कि कासन गांव के योगेंद्र उर्फ रिंकू, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के दीपक उर्फ भोलू, भिवानी के मनीष राणा, सोनीपत के अमित समेत कुछ अन्य हमलावर पूर्व सरपंच गोपाल के घर में रात करीब आठ बजे घुस आए और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
पुलिस ने मुख्य आरोपी योगेंद्र उर्फ रिंकू की पहचान कर ली है। पुलिस का दावा है कि उसने 2007 में अपने भाई मनोज की हत्या का बदला लेने के लिए हमले की योजना बनाई थी।
पटौदी के सहायक पुलिस आयुक्त वीर सिंह ने कहा था कि 2007 में होली के दिन मुख्य आरोपी योगेंद्र उर्फ रिंकू के भाई मनोज की हत्या में कथित तौर पर बलराम और सोहनपाल शामिल थे और अब दिवाली पर हुए इस हमले को इससे जोड़ा जा सकता है।
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Source : IANS