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अहमद पटेल, कांग्रेस के 'चाणक्य' जिसने बीजेपी की नीति को कर दिया ध्वस्त

ऐसा कहा जाता है कि अहमद पटेल ने सोनिया गांधी को भारतीय राजनीति में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।

Updated on: 09 Aug 2017, 09:05 AM

नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव और कांग्रेस में अहम भूमिका रखने वाले अहमद पटेल को गुजरात की राजनीति के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।

देश की राजनीति में अहमद पटेल को कांग्रेस के 'चाणक्य' के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अहमद पटेल ने सोनिया गांधी को भारतीय राजनीति में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।

जानें, अहमद पटेल का राजनीतिक करियर

  • इमरजेंसी के बाद साल 1977 के आम चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हार गई थी तब भी अहमद पटेल चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे और कांग्रेस पार्टी को सदन में जिंदा रखे थे।
  • 21 अगस्त 1949 को गुजरात के अंकलेश्वर में अहमद पटेल का जन्म हुआ था। श्री जयेंद्र पुरी आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज भरूच से बीएससी (स्नातक) की डिग्री ली।
  • 26 साल की उम्र में भरुच से साल 1977 में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद भवन पहुंचे थे। तब वे सबसे युवा सांसद बने थे। पटेल की जीत के बाद कांग्रेस के बड़े नेता समेत तमाम राजनीतिक विशेषज्ञ चौंक गए थे।

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  • साल 1993 से वे कांग्रेस पार्टी की तरफ से लगातार राज्यसभा सदस्य हैं। उनकी यह पांचवीं जीत है। पटेल पर्दे के पीछे से राजनीति करने में भरोसा रखते हैं।
  • वे 1977 से 1982 तक गुजरात की यूथ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे. सितंबर 1983 से दिसंबर 1984 तक वो ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी रहे. 1985 में जनवरी से सितंबर तक वो प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव रहे.
  • सितंबर 1985 से जनवरी 1986 तक पटेल ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी रह चुके हैं। साल 1986 से लेकर 1988 तक गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष बने।
  • साल 1991 में जब नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री बने तब पटेल को कांग्रेस पार्टी में वर्किंग कमेटी का सदस्य बनाया गया था। धीरे धीरे पटेल का राजनीतिक करियर का ग्राफ उपर ही चढ़ता गया। इसके बाद वे कभी पीछे मुड़कर नहीं देखे।

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  • 1996 में अहमद पटेल को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का कोषाध्यक्ष बनाया गया था। तब सीताराम केसरी कांग्रेस के अध्यक्ष थे। साल 2001 में सोनिया गांधी के पटेल को अपना राजनीतिक सलाहकार बनाया था।
  • 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में यूपीए को जीत दिलाने में पटेल की भूमिका अहम मानी जाती है। यूपीए की सरकार में कई अहम फैसलों में उनकी निर्णायक भूमिका माना जाता था।

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