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गुजरात राज्यसभा चुनाव: अमित शाह की प्रतिष्ठा दांव पर, वाघेला-NCP बिगाड़ सकते हैं अहमद का खेल, 10 बातें

गुजरात राज्यसभा चुनाव कांग्रेस-बीजेपी के लिए हार-जीत की लड़ाई से ज्यादा अमित शाह और अहमद पटेल की प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुका है।

Updated on: 08 Aug 2017, 07:46 AM

highlights

  • गुजरात राज्यसभा चुनाव के लिए आज होगी वोटिंग, कांग्रेस-बीजेपी में कड़ा मुकाबला
  • कांग्रेस नेता अहमद पटेल मुश्किल में, एनसीपी विधायक ने कहा बीजेपी को देंगे वोट
  • अमित शाह गांधी नगर में डटे, विधायकों से की मुलाकात

नई दिल्ली:

गुजरात राज्यसभा चुनाव कांग्रेस-बीजेपी के लिए हार-जीत की लड़ाई से ज्यादा अमित शाह और अहमद पटेल की प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुका है। अमित शाह पहली बार राज्यसभा पहुंचने के लिए तैयार हैं तो वहीं गुजरात में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल पांचवीं बार राज्यसभा जाने के लिए तमाम तरह की कोशिशों में जुटे हैं।

शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर पटेल की मुश्किलें बढ़ा दी है। तो वहीं बीजेपी-कांग्रेस के पूर्व नेता शंकर सिंह वाघेला ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। ऐसे में सभी की नजर वाघेला गुट के विधायकों पर है।

10 खास बातें

1. गुजरात में सत्तारूढ़ बीजेपी तीन राज्यसभा सीटों के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बलवंत सिंह राजपूत को उतारा है। राजपूत हाल ही में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह वोटिंग से पहले गांधीनगर में कैंपेन कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को करीब पांच घंटों तक अपने विधायकों से मुलाकात की।बीजेपी उम्मीद कर रही है कि क्रॉस वोटिंग उसके पक्ष में होगी। राष्ट्रपति चुनाव में भी बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग हुई थी।

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2. वहीं सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव पटेल ने भरोसा जताया कि वह मंगलवार के राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल करेंगे। उन्होंने गुजरात में सत्ताधारी बीजेपी पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, '44 विधायकों के अलावा हमें जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और (बागी नेता) शंकरसिंह वाघेला का समर्थन प्राप्त है।' उन्होंने कहा, 'मैंने शरद पवार जी से बात की है और उन्होंने कांग्रेस को पूरी मदद का वादा किया है।'

3. उनके ऊपर और कांग्रेस के विधायकों के ऊपर सर्विलांस के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा, 'यह एक टुच्चागीरी का उदाहरण है।' कांग्रेस नेता ने आणंद के पास स्थित एक निजी रेसॉर्ट में संवाददाताओं से कहा, 'बीजेपी की कोशिशों के बावजूद मेरी जीत को लेकर मुझे पूरा भरोसा है और संख्या सभी को चौंका देगी।'

4. हालांकि अहमद पटेल के दावे से उलट एनसीपी के एक विधायक कांधल जडेजा ने कहा है कि पार्टी ने इस चुनाव में बीजेपी के हक में वोट देने को कहा है। जडेजा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, 'हमारी पार्टी ने राज्य सभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन करने को कहा है।'

5. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री शंकर सिंह वाघेला ने सोमवार को कहा कि वह मंगलवार के महत्वपूर्ण राज्यसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस विधायकों के संपर्क में नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता अहमद पटेल के साथ उनके संबंध बहुत सौहार्द्रपूर्ण हैं। वाघेला ने वोटिंग के सवाल पर कहा कि मतदान 'किसी विधायक की निजी संपत्ति है। मैं इसका खुलासा करना नहीं चाहता।'

6. अहमद पटेल को जीतने के लिए 45 वोट चाहिए। पटले को उनकी पार्टी के 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। अगर अहमद पटेल को एक वोट वाघेला गुट, जेडीयू या एनसीपी से मिलता है और 44 विधायकों में से कोई भी क्रॉस वोटिंग नहीं करता है या नोटा का प्रयोग नहीं करता है तो उनकी जीत पक्की है। वहीं पटेल की जीत से बीजेपी के दो सदस्य ही राज्यसभा पहुंच पाएंगे। हालांकि बीजेपी ने भी तीनों सीटों पर जीत का दावे किये हैं।

7. मंगलवार को होने वाले राज्यसभा चुनाव से एक दिन पहले सोमवार को बीजेपी के तोड़फोड़ से बचाने के लिए गुजरात से बेंगलुरू भेजे गए कांग्रेस के 44 विधायक गुजरात लौट आए। इन विधायकों को आणंद के पास स्थित निजानंद रेसॉर्ट में रखा गया है। ये सभी मंगलवार को मतदान में हिस्सा लेने सीधे गांधीनगर पहुंचेंगे। वाघेला ने कहा कि कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने सोमवार को उन्हें फोन किया और मंगलवार को उनसे फिर बात होगी।

8. गुजरात की 182 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 57 विधायकों में छह विधायकों के 26 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने वाले छह में से तीन ने 28 जुलाई को भाजपा की सदस्यता ले ली। बीजेपी से बचे 51 कांग्रेसी विधायकों में से सात विधायक बेंगलुरू से आने वाले विधायकों में शामिल नहीं हुए हैं।

9. गुजरात में सत्तारूढ़ बीजेपी के पास 121 सीटे हैं। वहीं एनसीडी के 2, जेडीयू के 1 और निर्दलीय एक विधायक हैं।

10. गुजरात में 1995 में पहली बार बीजेपी की सरकार आने के बाद राजनीतिक उठापटक की यह पहली घटना है। गुजरात की सभी लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। गुजरात में यह राजनीतिक अस्थिरता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला के नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद शुरू हुआ।

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