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गुजरात हाईकोर्ट ने गर्भवती रेप पीड़िता को आरोपी के साथ रहने की दी इजाजत

गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को पुलिस को यह आदेश दिया कि वह गर्वभती लड़की को उसके बलात्कार के आरोपी के घर पर छोड़कर आये। गुजरात हाई कोर्ट ने यह आदेश लड़की के बयान दर्ज करने के बाद दिया।

Updated on: 16 Feb 2017, 10:52 AM

नई दिल्ली:

गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को पुलिस को यह आदेश दिया कि वह गर्वभती लड़की को उसके बलात्कार के आरोपी के घर पर छोड़कर आये। गुजरात हाई कोर्ट ने यह आदेश लड़की के बयान दर्ज करने के बाद दिया। जिसमें लड़की ने कहा कि वह आरोपी से प्यार करती है और उसके बच्चे को जन्म देना चाहती है।

इसके साथ ही गुजरात हाई कोर्ट ने महिसागर जिले के समाज कल्याण अधिकारी को आरोपी के परिवार के बारें में भी पूछताछ की। साथ ही कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि बच्चे का जन्म सुरक्षित तरीके से हो और सरकारी अस्पताल की प्रधिकारियों को बच्चे की सेहत का खास ध्यान रखने को भी कहा गया।

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लड़की लोअर कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट गई थी, जिसमें लड़की ने अपनी 24 हफ्ते की गर्भावस्था को समाप्त करने की बात कही थी। लोअर कोर्ट ने कहा था कि 20 महीने गर्भावस्था का गर्भपात नहीं किया जा सकता है। वहीं बुधवार को जब पीड़ित लड़की जब हाईकोर्ट जस्टिस जे बी पार्दीवाला के सामने पेश हुई तो उनसे कहा कि वह आरोपी से प्यार करती है और उसके घर में रहना चाहती है। साथ ही उसके बच्चे को जन्म भी देना चाहती है।

इस मामले के आरोपी को भी कोर्ट के आगे पेश किया गया। जिसमें आरोपी ने इस बात का आश्वासन दिया कि वह लड़की और बच्चे का ध्यान रखेगा। आरोपी इस समय जेल में है, जिस पर किडनैपिंग और रेप के आरोप लगे हैं। लड़की ने कोर्ट में बताया कि वह आरोपी के साथ रिलेशनशिप में थी।

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बता दें कि पीड़िता की मां ने 17 मई 2016 में अपनी बेटी की गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करायी। जिसके आधार पर पुलिस ने लड़की को ट्रेस किया, जो अश्विन नाम के लड़के साथ रह रही थी। अश्विन को पुलिस ने बलात्कार और किडनैपिंग के आरोप पर गिरफ्तार किया। साथ ही उसके खिलाफ यौन अपराध अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज किया गया क्योंकि लड़की की उम्र 18 साल से कम थी।