बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सांप्रदायिकता से लड़ने के लिये वो धर्मनिरपेश्र दलों से हाथ मिलाने के लिये तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि गुजरात में कांग्रेस से सीटों को लेकर बात नहीं बन पाई इसलिये साथ नहीं आए। साथ ही आरोप भी लगाया कि वो हारी हुई सीट देने के लिेये भी तैयार नहीं थी।
उन्होंने कहा कि लेकिन किसी भी धर्मनिरपेक्ष दल के साथ हमारा गठबंधन सम्मानजनक होना चाहिये। यदि ऐसा नहीं होता है तो पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि गुजरात और हिमाचल के लिये भी कांग्रेस से पार्टी के नेता सतीश शर्मा ने बात की थी लेकिन परिणाम अच्छे नहीं रहे।
पार्टी की तरफ से जारी बयान के अनुसार उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ लड़ने का समर्थन करती है। लेकिन सीटों की संख्या सम्मानजनक होनी चाहिये। नहीं तो हम अकेले चुनाव लड़ेंगे।'
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उन्होंने कहा कि गुजरात चुनाव में बीएसपी ने 25 सीटें और हिमाचल में 10 सीटें मांगी थी लेकिन कांग्रेस इसके लिये नहीं मानी। जबकि वो पिछले चुनाव में इन सीटों पर हार गई थी।
उन्होंने कहा कि बीएसपी के नेता सतीश मिश्रा ने अहमद पटेल से बात की थी लेकिन उन्होंने बीएसपी के प्रस्ताव को नहीं माना। अब सतीश मिश्रा गठबंधन कर चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, 'इस मामले में मिश्रा (सतीश) समाजवादी पार्टी के रुख से भी नाराज़ हैं... एसपी के साथ हमारे पिछले अनुभव अच्छे नहीं रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि कि धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ गठबंधन के संबंध में पार्टी के पुराने और वर्तमान अनुभव काफी खराब रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau