कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दलित समुदाय द्वारा बनाए गए विशाल राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार करेंगे।
यह विशाल ध्वज मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को सौंपा गया था, लेकिन कथित तौर पर अधिकारियों ने इसे जगह की कमी होने के कारण स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। राहुल गांधी इस ध्वज को स्वीकार करेंगे।
यह 125 फीट चौड़ा व 83.3 फीट ऊंचा है। राहुल साणंद में दलित शक्ति केंद्र के दौरे के क्रम में इसे स्वीकार करेंगे। राहुल चुनावी राज्य गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
दलित नेता मार्टिन मैकवान ने कहा, 'भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज रूपाणी को सौंपा गया था और उनसे अस्पृश्यता (छुआछूत) प्रथा को खत्म करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया गया था।'
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उन्होंने कहा, 'इसे गांधीनगर कलेक्ट्रेट के अधिकारियों की तरफ से स्वीकार नहीं किया गया, क्योंकि मुख्यमंत्री का कहना था कि इस ध्वज को रखने के लिए हमारे पास पर्याप्त जगह नहीं है और जगह बन जाने के बाद हम सूचना देंगे।'
मैकवान ने कहा, 'यह भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है, जिसे दस राज्यों के दलितों ने मिलकर बनाया है।'
मार्टिन नवसर्जन ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं, जो गुजरात के अनुसूचित जाति समुदाय के लिए काम करता है।
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Source : IANS