/newsnation/media/post_attachments/images/2019/01/13/iop-30.jpg)
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (फाइल फोटो)
सामान्य वर्ग के गरीब तबके को सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में आरक्षण देने वाले विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी शनिवार को मंज़ूरी दी. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने गरीब सवर्णों को 10 फ़ीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही गुजरात सवर्णों को आरक्षण देने वाला पहला राज्य होगा. गुजरात के सीएम ने 14 जनवरी से कानून लागू करने का ऐलान किया. इस कोटे का फायदा अनारक्षित श्रेणियों के आठ लाख रुपये तक की वार्षिक आय सीमा और करीब पांच एकड़ जोत वाले लोग उठा सकेंगे. यह विधेयक सरकारी सेवा और उच्च शिक्षण संस्थानों में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है.
Gujarat CM Vijay Rupani decides to implement 10% reservation given by Central Government in government jobs and education to economically weaker section in the general category, from 14 January 2019. (File pic) pic.twitter.com/L7cJKoj91h
— ANI (@ANI) January 13, 2019
और पढ़ें: जनता का दिल जीतने के लिए BJP ने की तैयारी, मेनिफेस्टो की कमेटी में 15 सब कमेटी बनाने का निर्णय
बिल को 7 जनवरी को केंद्रीय मंत्रीमंडल से मंजूरी मिली थी. 9 जनवरी को हंगामे के बीच सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण के प्रावधान वाला विधेयक राज्यसभा में पसा हो गया था. केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने इस बिल को पेश किया था. 8 जनवरी को संविधान (124 वां संशोधन) विधेयक लोकसभा में पारित हुआ था. 323 सदस्यों ने हित में वोट किया था जबकि तीन सदस्यों ने इसके विरोध में मत दिया था. दोनों सदनों में पास होने के बाद इसे आखिरकार शनिवार को राष्ट्रपति की मजूरी मिल गई.
और पढ़ें: सामान्य वर्ग के लोगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती
वर्तमान में 49.5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है जिसमें 15 फीसदी अनुसूचित जातियों के लिए, 7.5 फीसदी अनुसूचित जनजातियों के लिए और 27 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है.
Source : News Nation Bureau