प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन को झटका लग सकता है क्योंकि किसानों ने अपनी जमीन देने से इनकार कर दिया है। पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में किसानों का विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा. करीब एक हजार किसानों ने गुजरात हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर प्रस्तावित मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का विरोध किया है. मुख्य न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस वी एम पांचोली की एक खंडपीठ हाई स्पीड रेल परियोजना के लिये जमीन अधिग्रहण को चुनौती देने वाली पहले से दायर पांच याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.
इन याचिकाकर्ताओं के अलावा 1000 किसानों ने मंगलवार को हाई कोर्ट में अलग से हलफनामा देकर कहा कि केंद्र की इस महत्वाकांक्षी 1.10 लाख करोड़ रूपये की परियोजना से काफी कृषक प्रभावित हुए हैं और वो इसका विरोध करते हैं.
बुलेट ट्रेन के प्रस्तावित मार्ग से जुड़े गुजरात के विभिन्न जिलों के प्रभावित किसानों ने हलफनामे में कहा कि वो नहीं चाहते कि परियोजना के लिये उनकी जमीन का अधिग्रहण किया जाए.
उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा भू अधिग्रहण प्रक्रिया इस परियोजना के लिये भारत सरकार को सस्ती दर पर कर्ज मुहैया कराने वाली जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) के दिशा-निर्देशों के भी विपरीत है.
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किसानों के वकिल आनंद याग्निक ने कहा है कि इस मामले में जापान सरका को भी लेटर लिखा है। इस घटना से गुजरात और केंद्र सरकार दोनों को झटका लगा है, क्योंकि गुजरात सरकार पिछले लंबे वक्त से नाराज किसानों को इस प्रोजेक्ट के लिए नही मना पाई है.
Source : News Nation Bureau