अरुण जेटली (फाइल फोटो)
जीएसटी लागू होने के बाद क्या मंहगाई दर बढ़ जाएगी? इस सवाल के जवाब में शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी के तहत अधिकतर वस्तुओं की कीमतें घटेंगी या उतनी ही बनी रहेंगी।
जेटली ने यह भी कहा कि दुनिया के अन्य देशों की तरह, जहां जीएसटी लागू करने के बाद महंगाई आई, भारत को ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा।
जेटली ने कहा कि जीएसटी के तहत एक कारोबारी को साल भर में 37 रिटर्न भरने की जरूरत संबंधी खबरें पूरी तरह बेबुनियाद हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि जीएसटी लागू होने के बाद महंगाई आएगी, क्योंकि हमने पूरी कर प्रणाली का औसत भार कम रखा है। कुछ चीजों की कीमतें बढ़ेंगी, लेकिन अधिकतर वस्तुओं की कीमतें या तो कम हो जाएंगी या उतनी ही बनी रहेंगी।'
बता दें कि शनिवार को पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम इसे मंहगाई बढ़ाने और छोटे व्यापारियों के लिए नुकसानदेह बताया था।
उन्होंने बताया कि जीएसटी के तहत प्रत्येक कारोबारी को साल में सिर्फ एक बार रिटर्न भरना होगा, जो साल के 10वें महीने में भरा जाएगा। इसके बाद कंप्यूटर प्रणाली से अन्य रिपोर्ट खुद-ब-खुद हासिल किए जा सकेंगे।
एक कार्यक्रम के दौरान जेटली ने कहा, 'प्रत्येक कारोबारी को हर महीने सिर्फ एक रिटर्न भरना होगा, जिसमें उसे महीने भर की बिक्री दर्शानी होगी। इसके बाद कारोबारी के जीएसटीएन नंबर की मदद से उसकी आपूर्तिकर्ताओं या थोक विक्रेताओं के आंकड़ों से दी गई जानकारी का मिलान किया जाएगा। साल के अंत में कारोबारी द्वारा भरे गए अंतिम रिटर्न और प्रत्येक माह में दिए गए आंकड़ों के आधार पर उसके वार्षिक कारोबार का मूल्यांकन किया जाएगा।'
इंडिया टीवी पर यह कार्यक्रम शनिवार की रात 10.0 बजे प्रसारित किया जाएगा।
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जेटली ने कहा कि कुछ लोग चिंतित हैं, क्योंकि अब तक वे अपनी बिक्री के आंकड़े छिपाते आए थे, लेकिन जीएसटी आने के बाद अब यह संभव नहीं हो पाएगा और जो बेइमानी करने की कोशिश करेगा, अब उसे आसानी से पकड़ा जा सकेगा।
जीएसटी के तहत कर के चार स्लैब की आलोचना करने वालों और एक कर स्लैब की मांग करने वालों पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने गरीबी नहीं देखी है और इसीलिए वे असंवेदनशील और जीएसटी विरोधी बयान दे रहे हैं।
कर चुकाने को देशभक्ति करार देते हुए जेटली ने कहा कि भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए सरकार को संसाधनों की जरूरत होती है।
जेटली ने कहा, 'हमें देश के लिए संसाधनों की जरूरत है। ये संसाधन कहां से आएंगे? सरकार के खर्चो के लिए हम कब तक उधार लेते रहेंगे? हमें इस व्यवस्था को बदलना होगा। इससे पहले हम इसमें बदलाव करने में सक्षम नहीं थे, क्योंकि इस तरह के कड़े सुधारों को लागू करने का हममें साहस नहीं था।'
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संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान महाराष्ट्र और गुजरात जैसे औद्योगिकी उत्पादन करने वाले राज्यों द्वारा जीएसटी का इसलिए विरोध करने पर, क्योंकि केंद्र सरकार ने इसके कारण राज्यों को होने वाले नुकसान के लिए मुआवजा देने से मना कर दिया था, जेटली ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार ने जीएसटी के कारण राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान के लिए मुआवजा देना स्वीकार किया, जिसके बाद राज्यों ने जीएसटी लागू करने पर सहमति दी।
अन्य राज्यों के बारे में जेटली ने कहा कि राजनीति की मजबूरी के कारण जनता दल (युनाइटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को साथ आना पड़ा, जबकि दोनों की अलग शैली है।
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Source : IANS