वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से भारतीय अर्थव्यस्था का औपचारीकरण हुआ है और नए अप्रत्यक्ष कर शासन के तहत 6.5 लाख नए पंजीकरण कराए गए हैं। सरकार ने सोमवार को यह बाते कही।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि इससे कर सूचना की जानकारी का प्रवाह बढ़ेगा, जिससे देश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़ेगा।
बयान में कहा गया, 'अतीत में, केंद्र सरकार के पास छोटे निर्माताओं और खपत के बारे में बहुत कम जानकारी थी, क्योंकि केवल निर्माण के चरण में ही इस तरह के कदम उठाए जाते थे, जबकि राज्यों को अपनी सीमाओं से बाहर की स्थानीय कंपनियों की गतिविधियों के बारे में बहुत कम जानकारी थी।'
बयान में आगे कहा गया, 'जीएसटी के तहत, केंद्र और राज्य निर्बाध रूप से डेटा को साझा करेंगे।' मंत्रालय ने 'कर आधार में बढ़ोतरी के प्रारंभिक संकेतों की जानकारी दी।'
बयान में कहा गया, '2017 में जून और जुलाई में 6.6 लाख नए एजेंटों ने डीएसटी पंजीकरण करवाया, जो पहले कर नहीं चुका रहे थे। इसमें लगातार बढ़ोतरी का अनुमान है, क्योंकि औपचारिकता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन में बढ़ोतरी की जा रही है और वस्त्र उद्योग की समूची श्रृंखला अब कर के दायरे में है।'
सरकार ने यह भी कहा कि करदाताओं की सुविधा और ग्राहकों का लाभ बढ़ाने के लिए सरकार प्रक्रियाओं का सरलीकरण कर रही है।
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Source : IANS