New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2018/01/10/73-Sanitary-napkins.jpg)
लिखित संदेशों वाले सेनेटरी नैपकीन
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
लिखित संदेशों वाले सेनेटरी नैपकीन
महिलाओं द्वारा मासिक धर्म के दिनों में उपयोग की जाने वाली सेनेटरी नैपकीन को जीएसटी के दायरे में लाने से उनकी कीमतों में इजाफा हुआ है।
सरकार के इस फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश के ग्वालियर की महिलाओं ने सेनेटरी नैपकीन को कर मुक्त करने के लिए अभियान चलाया है जिसके तहत महिलाओं द्वारा लिखित संदेशों वाले एक हजार नैपकीन और पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री को भेजे जाएंगे।
इस अभियान में शामिल महिलाओं का कहना है कि एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता अभियान चला रहे हैं और दूसरी ओर सेनेटरी नैपकीन को 'लग्जरी सामान' में शामिल कर इसे पहुंच से दूर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'सेनेटरी नैपकीन पहले से ही महंगा था, महंगाई के दौर में हर महिला नैपकीन आसानी से नहीं खरीद पाती थीं। नए कर लग जाने से तो वह और भी महंगा हो गया है। ऐसे में सेनेटरी नैपकीन का उपयोग मध्यवर्ग की महिलाएं तक नहीं कर पाएंगी, गरीब परिवार की महिलाएं तो इसे खरीदने की सोच भी नहीं सकतीं।'
महिलाओं द्वारा जारी किए गए पोस्टर में इस बात का साफ उल्लेख है कि देश में महिलाओं की बहुत बड़ी आबादी पैड का उपयोग नहीं कर पाती। कई तो ऐसी हैं जो इसके बारे में जानती तक नहीं।
ग्रामीण महिलाओं में संक्रमण फैलने में उनकी अज्ञानता भी बड़ा कारण है। सरकार को हर महिला को सेनेटरी नैपकीन नि:शुल्क मुहैया कराना चाहिए, मगर उसे लग्जरी आइटम बनाकर उन्हें स्वच्छ रहने से वंचित किया जा रहा है।
इस आंदोलन की शुरुआत 4 जनवरी को की गई है। अभियान के अनुसार 5 मार्च को एक हजार नैपकीन प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड के साथ भेजे जाएंगे।
दूसरे चरण में एक लाख और तीसरे चरण में पांच लाख नैपकीन भेजे जाएंगे।
यह भी पढ़ें: राजस्थान में मोदी की रैली के लिए नमक खदानों को बीजेपी कर रही बंद
Source : News Nation Bureau