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ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का शुक्रवार को भोपाल में होगा अंतिम संस्कार, IAF ने दी अंतिम श्रद्धांजलि

कैप्टन वरुण सिंह 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जीवित बचे थे, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य की मौत हो गई थी.

Updated on: 16 Dec 2021, 05:32 PM

नई दिल्ली:

भारतीय वायु सेना (IAF)और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के परिवार के सदस्यों ने गुरुवार को बेंगलुरु के येलहंका में वायु सेना स्टेशन पर  दिवंगत कैप्टन को श्रद्धांजलि अर्पित की, इससे पहले कि उनके पार्थिव शरीर को एक सेवा विमान में भोपाल ले जाया गया. सिंह के परिवार के सदस्यों ने कहा कि शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा. शौर्य चक्र पुरस्कार विजेता कैप्टन वरुण सिंह 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जीवित बचे थे, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य की मौत हो गई थी.

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का शव गुरुवार को भोपाल पहुंच गया. प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत कई लोगों ने उनके शव पर मल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैप्टन के परिजनों को 1 करोड़ रुपये देने और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की. शिवराज सरकार ने निर्णय किया है किसी संस्थान का नाम शहीद कैप्टन के नाम पर किया जायेगा या उनकी प्रतिमा स्थापित की जायेगी.

सिंह के चाचा  एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश प्रताप सिंह, जो बेंगलुरु में परिवार के साथ थे, ने मीडिया को बताया कि इस घटना से परिवार टूट गया है. “दुर्घटना में वह 95 प्रतिशत जल गये थे, लेकिन हमें उम्मीद थी कि उसकी जिजीविषा उसे जिंदा रखेगी. उन्होंने बचपन से ही कई कठोर परिस्थितियों का सामना किया और हमेशा विजयी हुए. वह सही मायने में एक सैनिक थे."

हादसे के एक दिन बाद वरुण सिंह को वेलिंगटन के मिलिट्री हॉस्पिटल से बेंगलुरु के कमांड अस्पताल लाया गया. उनके पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) के पी सिंह ने कहा कि उनका बेटा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा. उन्होंने कहा, 'वह एक सैनिक की तरह लड़े और हमें उन पर गर्व है. वह दूसरों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे.”

सिंह के परिवार में उनके माता-पिता कर्नल के पी सिंह और उमा सिंह, उनके भाई लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह, उनकी पत्नी गीतांजलि सिंह, पुत्र रद्दुमान सिंह और बेटी आराध्या सिंह हैं.

दुर्घटना के एक दिन बाद, सिंह को वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल से बेंगलुरु के कमांड अस्पताल लाया गया. निजी और राज्य सरकार द्वारा संचालित दोनों अस्पतालों के चिकित्सा विशेषज्ञ सलाहकार टीम कमांड अस्पताल में उनका इलाज कर रही थी.