राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता लाने का प्रस्ताव, जेटली ने कहा- चुनावी बॉन्ड एक बेहतर प्रणाली

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि चुनावी बॉन्ड से भारत में राजनीतिक फंडिंग की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो जाएगी और चंदों में सिर्फ सही पैसे आएंगे।

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता लाने का प्रस्ताव, जेटली ने कहा- चुनावी बॉन्ड एक बेहतर प्रणाली

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि चुनावी बॉन्ड से भारत में राजनीतिक फंडिंग की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो जाएगी और चंदों में सिर्फ वैध पैसे आएंगे।

Advertisment

जेटली ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि फंडिंग के राजनीतिक प्रणाली में परम्परागत तरीके से कैश में खर्च होने वाली चंदों के साथ कई बुराईयां हैं और यह पूरी तरह गैर पारदर्शी सिस्टम है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रणाली में ज्यादातर चंदों की स्रोतें गुमनाम या गलत नामों से होती हैं, पैसों की राशि कभी भी स्पष्ट नहीं हो पाती है और सिस्टम गुमनाम स्रोत से आ रहे गलत पैसों को मान लेती है।

जेटली ने कहा, 'यह पूरी तरह से गैर पारदर्शी व्यवस्था है। अधिकतर राजनीतिक पार्टियां मौजूदा प्रणाली से संतुष्ट हैं और इसे ऐसे ही लगातार बने रहने में कोई दिक्कत नहीं है।'

वित्त मंत्री ने कहा, 'चुनावी बॉन्ड का प्रयास एक वैकल्पिक प्रणाली के जैसा है जिससे राजनीतिक फंडिंग की प्रक्रिया को सुधारा जा सकता है।'

वित्त मंत्री ने 2 जनवरी को संसद में चुनावी बॉन्ड को पेश किया था और कहा था, 'पार्टियों को चुनावी चंदे में कितना पैसा मिला, कहां से मिला, किसने दिया और कहां खर्चा हुआ इन चीजों की पूरी लोगों को साफ तौर पर मिलेगी, जो अभी तक नहीं होता है।'

जेटली ने कहा था, 'इन बॉन्ड को स्टेट बैंक के अधिसूचित शाखा से खरीद कर किसी भी राजनीतिक पार्टी को दान दे सकते हैं। किसी भी व्यक्ति को इस बॉन्ड को खरीदने के लिए और फिर इसे कैश में बदलने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया जाएगा।'

और पढ़ें: AAP नेता ने कोर्ट से हिंदी में मांगा डिटेल, लगा 10,000 रु. का जुर्माना

सरकार ने 2017-18 के बजट में राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे को रोकने के लिए चुनावी बांड की घोषणा की थी।

क्या है चुनावी बॉन्ड

ये चुनावी बॉन्ड भारतीय स्टेट बैंक की कुछ खास शाखाओं से ही खरीदा जा सकेगा, जिसमें एक हजार, 10 हजार, 10 लाख और एक करोड़ रुपये के मूल्य में उपलब्ध होंगे।

चुनावी बॉन्ड की वैधता सिर्फ 15 दिन ही होगी, इसमें बॉन्ड देने वाले और खरीदने वालों का नाम जाहिर नहीं होगा, लेकिन बैंक खाते में इसकी जानकारी होगी।

बॉन्ड उन्हीं राजनीतिक दलों को दिया जा सकेगा, जो लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 29ए के तहत रजिस्टर होंगे।

और पढ़ें: अखिलेश यादव का योगी-मोदी पर वार, कहा- 2019 में त्रस्त जनता हिसाब लेगी

Source : News Nation Bureau

Political Funding Electoral Bond Arun Jaitley finance-minister
      
Advertisment