logo-image

मलिक ने कहा दिल्ली सज्जाद लोन की सरकार चाहती थी, बाद में मुकरे

राज्यपाल ने यहां कथित रूप से 24 नवंबर को एक आयोजन में कहा, 'मैं इसे एक बार और स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अगर मैंने दिल्ली की ओर देखा

Updated on: 27 Nov 2018, 09:29 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को कहा कि अगर उन्होंने दिल्ली से मिले संकेतों की सुनी होती तो पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते. राज्यपाल ने यहां कथित रूप से 24 नवंबर को एक आयोजन में कहा, 'मैं इसे एक बार और स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अगर मैंने दिल्ली की ओर देखा होता तो मैं लोन की सरकार बनवा देता और इतिहास में मैं एक बेईमान आदमी के रूप में जाना जाता.' मलिक ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा, 'यही कारण है कि मैंने मुद्दे को ही खत्म कर दिया. जो लोग मेरी निन्दा करना चाहते हैं, वे तो करेंगे ही. लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि मैंने जो किया, सही किया.'

बाद में सीएनएन न्यूज18 से बातचीत में मलिक ने कहा कि उन्होंने जो भी किया, सही किया.

साथ ही, उन्होंने इससे इनकार किया कि दिल्ली (केंद्र सरकार) ने विधानसभा को भंग करने के फैसले में हस्तक्षेप किया था. उन्होंने कहा, 'सज्जाद लोन के पास संख्या बल था. जाहिर है कि दिल्ली उनका पक्ष लेती.'

राज्यपाल ने दावा किया कि पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने उनसे संपर्क करने के 'गंभीर प्रयास' नहीं किए. उन्होंने कहा, 'आप केवल फैक्स या ट्वीट कर सरकार नहीं बना सकते. वे जम्मू क्यों नहीं आए? उन्होंने मुझे फोन क्यों नहीं किया?'

राज्यपाल ने 21 नवंबर को विधानसभा को भंग कर दिया, जब पीडीपी ने कांग्रेस के समर्थन और नेशनल कांफ्रेंस के बाहर से समर्थन से सरकार बनाने का दावा किया था. इसके तुरंत बाद सज्जाद लोन ने भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विद्रोही विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का जवाबी दावा किया था.