जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को लोगों से शांति बनाए रखने व अफवाहों पर नहीं ध्यान देने का आग्रह किया. राज्यपाल मलिक ने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती आगामी लोकसभा चुनावों से जुड़ी है. मलिक ने स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव काउंसिल (एसएसी) की एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमले के बाद राज्य के हालात की समीक्षा की गई. इस बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "राज्यपाल ने लोगों से अपील की कि बलों का बलों की तैनाती को सिर्फ चुनाव कराने के संदर्भ में देखा जाना चाहिए और इसे किसी भी और बात से नहीं जोड़ा जाना चाहिए."
बयान में कहा गया, "राज्यपाल ने लोगों से किसी भी अतिवादी प्रकृति की अफवाहों पर ध्यान नहीं देने व शांति बनाए रखने की अपील की."
राज्यपाल के हवाले से कहा गया, "ये अफवाहें अनावश्यक रूप से लोगों के दिमाग में डर का माहौल पैदा कर रही हैं और उनके सामान्य जीवन में तनाव व खलल डाल रही हैं. कर्फ्यू व दूसरी कार्रवाई के बारे में अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए."
राज्यपाल शनिवार को कश्मीर घाटी में बड़े स्तर पर फैली घबराहट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे. शनिवार को अफवाह फैली की संविधान के अनुच्छेद 35ए को रद्द किए जाने की तैयारी है. अनुच्छेद 35ए के तहत राज्य के लोगों को विशेष अधिकार प्राप्त है. राज्यपाल के सलाहकार, मुख्य सचिव व दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों ने एसएसी बैठक में भाग लिया.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि राज्यपाल को जम्मू शहर के मौजूदा हालत के बारे में जानकारी दी गई. पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद जम्मू शहर में एक समुदाय की संपत्तियों पर हमला किया गया था.
हाल में केंद्रीय सशस्त्र बलों के चुनाव ड्यूटी पर तैनाती के लिए शामिल किए जाने पर भी बैठक में चर्चा की गई. राज्यपाल ने यह भी कहा कि राज्य के बाहर रह रहे कश्मीरी लोगों की सुरक्षा के लिए भी उपाय किए जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का हवाला देते हुए राज्यपाल ने कहा कि कश्मीरियों के खिलाफ कोई लड़ाई नहीं है और वे जहां कहीं भी है उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी देश की है.
Source : News Nation Bureau