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नशीली दवाओं के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति: Amit Shah

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सरकार की नीति नशाखोरी को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की है और वह देश को इस संकट से मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध है. लोकसभा में देश में मादक पदार्थो की समस्या पर चर्चा का जवाब दे रहे शाह ने कहा कि इस समस्या से एकजुट होकर लड़ने के लिए सभी विभागों और राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय की जरूरत है.

Updated on: 21 Dec 2022, 06:25 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सरकार की नीति नशाखोरी को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की है और वह देश को इस संकट से मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध है. लोकसभा में देश में मादक पदार्थो की समस्या पर चर्चा का जवाब दे रहे शाह ने कहा कि इस समस्या से एकजुट होकर लड़ने के लिए सभी विभागों और राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय की जरूरत है.

नशीली दवाओं के खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उन्होंने सभी राज्यों से जिला स्तर पर नार्को समन्वय केंद्र या एनसीओआरडी समितियों की स्थापना करने का आग्रह किया. गृहमंत्री ने कहा कि जहां सभी राज्यों ने एनसीओआरडी समितियों का गठन किया है, वहीं सबसे महत्वपूर्ण बात जिला स्तरीय एनसीओआरडी समितियों को सक्रिय करना है, जो वर्तमान में केवल 32 प्रतिशत हैं.

मंत्री ने कहा कि देशभर में जिला स्तर पर ऐसी समितियों के गठन से एनआईए और एनसीबी जैसी सभी केंद्रीय एजेंसियों के बीच समन्वय में मदद मिलेगी. शाह ने कहा कि नशीले पदार्थ समुद्र और हवाई मार्ग और यहां तक कि ड्रोन के जरिए भी देश में पहुंच रहे हैं. मंत्री ने जोर देकर कहा कि नशे के खिलाफ बहुआयामी लड़ाई सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों को एक मंच पर लाने और इस समस्या के सभी पहलुओं पर ध्यान देने की जरूरत है.

गृहमंत्री ने कहा कि राज्य एनआईए और एनसीबी जैसी एजेंसियों की मदद लेने के लिए स्वतंत्र हैं, जहां भी जांच का दायरा उनके अधिकार क्षेत्र में आता है और अगर विदेशी क्षेत्र भी शामिल है. गोल्डन ट्रायंगल और गोल्डन क्रीसेंट (वे देश जहां से भारत में ड्रग्स की आपूर्ति की जाती है) का उल्लेख करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि वह उन्हें डेथ ट्रायंगल और गोल्डन ट्राइएंगल के रूप में संदर्भित करते हैं.

समस्या का मुकाबला करने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों को सूचीबद्ध करते हुए मंत्री ने कहा कि 472 जिलों में नशे के रास्तों की मैपिंग हो चुकी है और दो साल बाद ऐसी स्थिति बनेगी जब नशा रैकेट में शामिल अपराधियों को सजा मिलेगी. शाह ने कहा कि नशा करने वाले पीड़ित होते हैं और उनका पुनर्वास सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, जिस पर सरकार काम कर रही है और उनके लिए कई उपाय किए जा रहे हैं.

हालांकि जो लोग नशा कर रहे हैं, उनके लिए सरकार को कोई रहम नहीं है और उन्हें सजा मिलनी ही चाहिए. उन्होंने कहा- नशीले पदार्थो के व्यापार से उत्पन्न धन देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर देता है और हमारे बच्चों और युवाओं को इस समस्या से बचाने के लिए इसका मुकाबला करने की जरूरत है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शाह के जवाब के बाद एक बयान पढ़ा, जिसमें कहा गया है कि देश में ड्रग्स के खतरे से निपटने के लिए सदन एकजुट है.

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