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सरकार का टेलिकॉम कंपनियों को निर्देश, 5जी टावर लगाने में रखे यह ध्यान

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने दूरसंचार प्रदाताओं भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन को तत्काल प्रभाव से भारतीय हवाई अड्डों की 2.1 किलोमीटर की सीमा के भीतर सी-बैंड 5जी बेस स्टेशन स्थापित नहीं करने के लिए एक पत्र भेजा है, क्योंकि सी-बैंड 5जी विमान के रेडियो (रडार) अल्टीमीटर के साथ समस्याएं पैदा कर सकता है, जिस पर वह टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान भरोसा करते हैं, और पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त होने से बचने में यह मदद करता है.

Updated on: 30 Nov 2022, 08:47 PM

नई दिल्ली:

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने दूरसंचार प्रदाताओं भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन को तत्काल प्रभाव से भारतीय हवाई अड्डों की 2.1 किलोमीटर की सीमा के भीतर सी-बैंड 5जी बेस स्टेशन स्थापित नहीं करने के लिए एक पत्र भेजा है, क्योंकि सी-बैंड 5जी विमान के रेडियो (रडार) अल्टीमीटर के साथ समस्याएं पैदा कर सकता है, जिस पर वह टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान भरोसा करते हैं, और पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त होने से बचने में यह मदद करता है.

आईएएनएस के पास डीओटी द्वारा भेजा गया पत्र है जिसमें कहा गया है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को सलाह दी जाती है कि रनवे के दोनों सिरों से 2,100 मीटर और भारतीय हवाईअड्डों के रनवे की मध्य रेखा से 910 मीटर के क्षेत्र में 3,300-3,670 एमएच में कोई 5जी/आईएमटी बेस स्टेशन नहीं होगा.

पत्र में कहा गया है, क्षेत्र के आसपास 540 मीटर की परिधि में स्थापित बेस स्टेशन, नोडल या रिपीटर, अधिकतम शक्ति 3,300-3,670 मेगाहट्र्ज रेंज में 58 डीबीएम/मेगाहट्र्ज तक सीमित होनी चाहिए. यहां आपको बता दें कि, एयरटेल ने नागपुर, बेंगलुरु, नई दिल्ली, गुवाहाटी और पुणे के हवाई अड्डों पर 5जी बेस स्टेशन स्थापित किए हैं, जबकि जियो ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 5जी बेस स्टेशन स्थापित किए हैं.

पत्र के अनुसार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बफर और सेफ्टी जोन स्केच प्रदान किया है और विमानों के संचालन के लिए सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर हवाई अड्डे के क्षेत्रों में और उसके आसपास सी-बैंड 5जी स्पेक्ट्रम को लागू करते समय शमन उपाय सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है. डीओटी ने दूरसंचार प्रदाताओं से 5जी बेस स्टेशनों को इस हद तक नीचे की ओर झुकाने को सुनिश्चित करने के लिए कहा कि 5जी उत्सर्जन रेडियो अल्टीमीटर के साथ हस्तक्षेप न करें.

नया नियम तब तक लागू रहेगा जब तक कि डीजीसीए द्वारा सभी विमानों के रेडियो अल्टीमीटर फिल्टर को बदलना सुनिश्चित नहीं कर दिया जाता. डीओटी पत्र में कहा गया- यह उम्मीद की जाती है कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) समयबद्ध और शीघ्र तरीके से उपरोक्त को सक्रिय रूप से सुनिश्चित करेगा. डीजीसीए से अनुरोध है कि जैसे ही उपरोक्त कार्य पूरा हो जाए, प्रतिबंधों को हटाने के लिए डीओटी को सूचित करें.

जैसे ही दुनिया भर में हाई-स्पीड 5जी वायरलेस नेटवर्क रोल आउट हो रहे हैं, अमेरिका में पायलट भी विमान के रेडियो (रडार) अल्टीमीटर के साथ लगातार समस्याओं की रिपोर्ट कर रहे हैं. नासा के एविएशन सेफ्टी रिपोटिर्ंग सिस्टम (एएसआरएस) के लिए किए गए आईईईई स्पेक्ट्रम (दुनिया की अग्रणी इंजीनियरिंग पत्रिका) की रिपोर्ट के विश्लेषण के अनुसार, हाई-स्पीड 5जी वायरलेस नेटवर्क के इस साल की शुरूआत में रोलआउट के बाद खराबी और विफल अल्टीमीटर की शिकायतें बढ़ गईं, जो समान सी-बैंड आवृत्तियों का उपयोग करती हैं.

पायलट के अनुसार- इस साल जनवरी में, अमेरिका में टेनेसी के ऊपर कम से कम तीन उड़ानों ने एक साथ अल्टीमीटर त्रुटियों का अनुभव किया जिससे निर्धारित ऊंचाई को बनाए रखना असंभव हो गया. एक जेट ने अपने ऑटोपायलट को पूरी तरह से खो दिया, और कथित तौर पर दमकल के ट्रक उसके उतरने की प्रतीक्षा कर रहे थे.

रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी में न्यू ऑरलियन्स में लुई आर्मस्ट्रांग अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के ²ष्टिकोण पर एक यात्री विमान ने 1,000 फीट से नीचे उड़ने के दौरान अनियमित कम ऊंचाई वाली चेतावनियों का अनुभव किया. मार्च में, लॉस एंजिल्स अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ऑटोपायलट पर उतरने वाला एक वाणिज्यिक जेट जमीन से सिर्फ 100 फीट ऊपर अचानक आक्रामक रूप से उतर गया.

रिपोर्ट के मुताबिक, सभी तीन घटनाएं- और इस साल कई और- पायलटों द्वारा विमान के रेडियो अल्टीमीटर के साथ समस्याओं से जुड़ी थीं.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.