CAA पर अधिसूचना जारी करने से पहले विशेषज्ञों से सलाह लेगी सरकार

नागरिकता संशोधन कानून के संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद इसे 12 दिसंबर को राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल चुकी है लेकिन अभी तक सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी नहीं की है.

नागरिकता संशोधन कानून के संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद इसे 12 दिसंबर को राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल चुकी है लेकिन अभी तक सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी नहीं की है.

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Kuldeep Singh
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CAA पर अधिसूचना जारी करने से पहले विशेषज्ञों से सलाह लेगी सरकार

CAA पर अधिसूचना जारी करने से पहले विशेषज्ञों से सलाह लेगी सरकार( Photo Credit : प्रतीकात्मक फोटो)

नागरिकता संशोधन कानून (citizenship amendment act) के संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल चुकी है. अब यह बिल कानून का रूप भी ले चुका है लेकिन सरकार ने अभी तक इसकी अधिसूचना जारी नहीं की है. इसके पीछे लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन को वजह माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, अधिसूचना जारी करने से पहले सरकार विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा के बाद पूरी तरह संतुष्ट होना चाहती है कि यह कानून न्यायिक समीक्षा में भी खरा उतरे. चूंकि यह मामला कोर्ट में जा चुका है इसलिए सरकार भी इस मामले में कानून सलाह लेने पर विचार कर रही है.

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22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होगी अहम सुनवाई
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की हैं. सीजेआई एस. ए. बोबडे, जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस सूर्य कांत की बेंच ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) कानून को चुनौती देने वाली 59 याचिकाओं को 22 जनवरी को सुनवाई के लिए लिस्ट किया है. सूत्रों का कहना है कि विशेषज्ञों को लगेगा कि इस कानून (नागरिकता संशोधन) को कानूनी आधारों पर चुनौती दी जा सकती है तो सरकार इसकी अधिसूचना (नोटिफिकेशन) जारी करने के लिए 22 जनवरी तक इंतजार कर सकती है.

गृहमंत्रालय जारी कर सकता है अधिसूचना
चूंकि इस मामले में अभी तक सुप्रीम कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है इसलिए गृहमंत्रालय इस मामले में अधिसूचना जारी भी तक सकता है. इसमें सरकार इस बात को स्पष्ट कर सकती है कि नागरिकता के लिए कौन आवेदन दे सकता है, किन अधिकारियों के यहां आवेदन दिया जाना है और इसके लिए समयसीमा क्या होगी.

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क्या है कानून
इस कानून में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होने वाले उन हिंदुओं, ईसाइयों, सिखों, पारसियों, जैनियों और बौद्ध समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता का प्रावधान है जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ चुके हैं.

HIGHLIGHTS

  • 12 दिसंबर को राष्ट्रपति ने दी थी CAA को मंजूरी, सरकार ने अभी तक जारी नहीं की अधिसूचना
  • अधिसूचना जारी करने से पहले सरकार विशेषज्ञों से लेगी सलाह-मशविरा
  • CAA को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में 22 जनवरी को होनी है अहम सुनवाई

Source : कुलदीप सिंह

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