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मॉब लिंचिंग और गलत सूचनाओं के प्रसार से बढ़ती हिंसा पर सरकार सख्त, WhatsApp को दिया गया निर्देश

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्हाट्सएप को निर्देश दिया है कि 'अविश्वसनीय और भड़काऊ संदेशों' को अपने प्लेटफार्म पर रोकने के लिए कदम उठाए।

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saketanand gyan
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मॉब लिंचिंग और गलत सूचनाओं के प्रसार से बढ़ती हिंसा पर सरकार सख्त, WhatsApp को दिया गया निर्देश

व्हाट्सएप को सरकार ने दिया फेक न्यूज रोकने का निर्देश (सांकेतिक फोटो)

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व्हाट्सएप के जरिये फैलने वाले फर्जी और घृणा फैलाने वाले संदेशों को लेकर केंद्र सरकार कड़े कदम उठाने जा रही है। सरकार ने अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए मैसेजिंग एप व्हाट्सएप को निर्देश जारी किए हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्हाट्सएप को निर्देश दिया है कि 'अविश्वसनीय और भड़काऊ संदेशों' को अपने प्लेटफार्म पर रोकने के लिए कदम उठाए।

मंत्रालय के अधिकारिक बयान के मुताबिक, 'व्हाट्सएप पर भड़काऊ चीजों का बार-बार प्रसार करने के लिए गलत इस्तेमाल होना भारत सरकार के लिए गंभीर चिंता का विषय है। मंत्रालय ने व्हाट्सएप पर इन घटनाओं और अफवाहों के फैलने को लेकर संज्ञान लिया है।'

बयान के मुताबिक, व्हाट्सएप के वरिष्ठ प्रबंधन को ऐसी घटनाओं के बारे में जानकारी दी गई है और उसे रोकने के लिए जल्द कार्रवाई करने को कहा गया है।

व्हाट्सएप का जवाब

वहीं सरकार के निर्देश के बाद व्हाट्सएप ने भी मंगलवार को कहा कि गलत सूचनाओं के फैलने पर रोक लगाने के लिए रिसर्च कार्य किया जा रहा है।

व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा, 'व्हाट्सएप अपने यूजर्स के सुरक्षा के लिए फिक्रमंद है। इस प्रोजेक्ट के जरिये, हम भारत में एकेडमिक एक्सपर्ट के साथ काम कर रहे हैं ताकि पता चले कि किस तरह गलत सूचना फैलाने के लिए इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है।'

व्हाट्सएप के अनुसार, स्थानीय रिसर्च से कंपनी को व्हाट्सएप में बदलाव करने में मददगार होगा और लोगों को गलत सूचनाओं और अफवाहों के बारे में जानकारी देने में सहायता करेगा।

देश भर में बढ़ती मॉब लिंचिंग (भीड़ हत्या) की घटनाओं को लेकर सरकार ने यह कदम उठाया है। मॉब लिंचिंग का बड़ा कारण व्हाट्सएप पर फैलाए जा रहे सांप्रदायिक और अफवाह वाले संदेश बन रहे हैं।

क्यों बढ़ गई है चिंता

देश भर में व्हाट्सएप के जरिये फर्जी खबर और अफवाह के जरिये हत्या के मामले बढ़े हैं। पिछले सप्ताह ही महाराष्ट्र के धुले जिले में व्हाट्सएप पर बच्चा चोरी को लेकर फैले अफवाह के कारण 5 लोगों की भीड़ ने हत्या कर दी थी।

वहीं त्रिपुरा में भी एक व्यक्ति की बच्चा चोरी की अफवाह से ही भीड़ ने हत्या कर दी थी। पिछले महीने असम में भी व्हाट्सएप पर अफवाह के कारण दो पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी।

इसके अलावा झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कई अन्य राज्यों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ चुकी है।

राज्यों को एडवाइजरी जारी होगी

व्हाट्सएप पर अफवाओं के चलते पिछले 4 महीने में 29 लोगों की हत्या के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के डीजीपी को एडवाइजरी भेजने की तैयारी कर रही है। राज्यों को निर्देश दिया जाएगा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किया जाए।

व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए फर्जी वीडियो, खबर डालने वाले और अफवाह फैलाने वालों पर स्थानीय पुलिस की नजर रहेगी। समाज में तनाव का माहौल बनने पर आरोपी लोगों से सख्ती से पुलिस निपटेगी।

सोशल मीडिया पॉलिसी

व्हाट्सएप को निर्देश देने के बाद सरकार अफवाहों और भड़काऊ चीजों को फैलने से रोकने के लिए नई सोशल मीडिया पॉलिसी को भी अंतिम रूप देने में लगी है।

भारत में व्हाट्सएप यूजर्स की है बड़ी संख्या

विश्व में 150 करोड़ यूजर्स वाले इस मैसेजिंग एप का भारत में सबसे बड़ा बेस है। भारत में करीब 20 करोड़ व्हाट्सएप यूजर्स है।

व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये मैसेज फॉरवर्ड करने का चलन भारत में काफी तेजी से बढ़ा है जिसके कारण गलत सूचनाओं का भी प्रसार तेजी से हो रहा है।

व्हाट्सएप द्वारा अगर गलत सूचनाओं को रोकने के लिए नई तकनीक लायी जाती है तो देश में बढ़ रही मॉब लिंचिंग पर काफी हद तक लगाम लगाया जा सकता है।

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Source : News Nation Bureau

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