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एयर इंडिया में सरकार करेगी विनिवेश, एयरलाइन की सेहत सुधारने की कवायद

अरुण जेटली ने एयर इंडिया के विनिवेश की वकालत की थी।

Updated on: 31 May 2017, 09:31 AM

नई दिल्ली:

एयर इंडिया की आर्थिक हालत को दुरुस्त करने के लिए संभावित विकल्पों पर विचार कर रही है। इसके लिए सरकार की योजना विनिवेश की भी है। मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर विमानन मंत्रालय की उपल्बधियां गिनवाते हुए विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने यह बात कही।

नागर विमानन मंत्री ने, 'एयर इंडिया को आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक बनाने के लिए सभी संभावित विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।' बता दें कि कुछ दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी एयर इंडिया के विनिवेश की वकालत की थी।

अब नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा है कि एयरलाइन के लिए कोई विकल्प बंद नहीं किया गया है।

गजपति राजू ने कहा, 'नीति आयोग ने एयर इंडिया को मजबूत और व्यावहारिक बनाने के लिए सिफारिशें की हैं। सभी विकल्पों की समीक्षा की जा रही है। हमने कोई विकल्प बंद नहीं किया है।'

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मोदी सरकार के सफल तीन सालों पर नागर विमानन मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहा कि पिछले 20 महीने में एविएशन सेक्टर में 21 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।

उन्होने कहा कि इस दौरान मंत्रालय ने 30 दिनों में टिकट्स को रिफंड करने की जिम्मेदारी बांधी, भले ही टिकट एजेंट्स से लिया गया हो। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि भारत के एयरपोर्ट्स दुनिया के सबसे ज़्यादा सुरक्षित एयरपोर्ट्स में से एक हैं। 

वहीं उन्होने याद दिलाया कि मोदी सरकार ने साल 2016 में एन्टी हाइजैक एक्ट भी पास किया था।

राजू ने कहा कि सरकार को एयर इंडिया पर गर्व है। उन्होंने कहा कि एयरलाइन में पूर्व में हुई अनियमितताओं से संबंधित मामलों में मंत्रालय सीबीआई से सहयोग करेगा।

नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि एयर इंडिया के लिए जो कुछ भी किया जाएगा वह राष्ट्रीय हित में होगा। सिन्हा ने कहा, 'हम एयर इंडिया के लिए सभी संभावित विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। हम एयरलाइन के लिए एक जीतने वाली रणनीति लाना चाहते हैं।'

एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के 2007 में हुए विलय पर राजू ने कहा कि घड़ी को पीछे नहीं ले जाया जा सकता। एयर इंडिया की समस्याओं के लिए इस विलय को भी एक वजह माना जा रहा है।

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तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने 2012 में एयर इंडिया के लिए 30,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी, जो कि 10 साल के दौरान दिया जाएगा। इसी पैकेज के बूते एयर इंडिया परिचालन में बनी हुई है। फिलहाल एयरलाइन अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने का प्रयास कर रही है।

विमान ईंधन कीमतों में कमी और यात्रियों की संख्या बढ़ने के चलते एयर इंडिया ने 2015-16 में 105 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ कमाया था।

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