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भारत बनेगा डिफेंस प्रॉडक्शन हब (प्रतीकात्मक चित्र)
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भारत अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और सैन्य जरूरतों को पूरा करने वाले सामान का दूसरे देशों से आयात कम करने की तैयारी कर रहा है।
भारत बनेगा डिफेंस प्रॉडक्शन हब (प्रतीकात्मक चित्र)
भारत अपनी रक्षा और सैन्य जरूरतों को पूरा करने की तैयारी कर रहा है। भारत सैन्य जरूरतों को पूरा करने वाले सामान के आयात में कमीं लाने के लक्ष्य के लिए पॉलिसी पर काम कर रही है।
इसके लिए भारत सरकार डिफेंस प्रॉडक्शन इंडस्ट्री को मजबूत करने के लिए अगले महीने एक महत्वपूर्ण पॉलिसी की घोषणा कर सकता है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसे मंजूरी के लिए जल्द ही केंद्रीय कैबिनेट को भेजा जाएगा। इसके तहत सरकार अगले 10 वर्षों में भारत को दुनिया के पांच बड़े सैन्य उपकरण बनाने वाले देशों में शामिल करना चाहती है।
पॉलिसी के मसौदे के अनुसार सरकार 2025 तक सैन्य साजोसामान और सेवाओं के टर्नओवर को 1,70,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाना चाहती है।
इस पॉलिसी (DPP-2018) के तहत सरकार का फोकस सेना के लिए लड़ाकू विमानों, अटैक हेलीकॉप्टरों और हथियारों का देश में ही उत्पादन करने पर होगा। साथ ही सरकार इसके लिए आवश्यक तकनीक विकसित करने के लिए उचित संसाधनों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार DPP-2018 को अगले महीने तक जारी किया जा सकता है।
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गौरतलब है कि 2004-08 की तुलना में पिछले पांच वर्षों में भारत में बड़े हथियारों के आयात में 111 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि DPP का मकसद सभी बड़े प्लेटफॉर्म्स को देश में ही विकसित करने पर होगा, जो पिछले छह दशकों से आयात किए जा रहे हैं।
मार्च में जारी किए गए नीति के मसौदे में 2025 तक सैन्य उपकरणों और सेवाओं में 35,000 करोड़ रुपये के निर्यात को प्रमुख लक्ष्य बनाया गया था।
वहीं सरकार ने आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को बढ़ावा देने के लिए भारत में प्रोडक्शन के लिए 12 सैन्य प्लेटफॉर्म्स और हथियार प्रणाली निर्धारित किए हैं।
आपको बता दें कि भारत सरकार की इस नीति के तहत दूसरे मित्र देशों की मांगों को पूरा करने की बात भी शामिल है।
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Source : News Nation Bureau