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जम्मू-कश्मीर में सालों से बंद पड़े 50 हजार मंदिर खोले जाएंगे

केंद्र सरकार घाटी में बीते कई सालों से बंद मंदिरों को खोलने की महत्वाकांक्षी योजना पर भी काम कर रही है.

Updated on: 23 Sep 2019, 04:13 PM

highlights

  • कश्मीरी पंडितों के पलायन के बाद राज्य में नष्ट किए गए थे मंदिर.
  • अब सरकार सर्वेक्षण करा खोलेगी 50 हजार मंदिर.
  • गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बनाई समिति.

श्रीनगर.:

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद हालात सामान्य करने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. फिलहाल राष्ट्र विरोधी ताकतें हालात का फायदा नहीं उठाने पाएं इसके लिए केंद्र सरकार ने कई ऐहितियाती कदम उठाएं हैं. ऐसे में धीरे-धीरे प्रतिबंधों में ढील देने के साथ घरों में नजरबंद नेताओं को कुछ शर्तों के साथ रिहा करने की भी योजना है. इसके अलावा केंद्र सरकार घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए भी कई गंभीर कदम उठाने जा रही है. इसके लिए सबसे पहले केंद्र सरकार घाटी में बीते कई सालों से बंद मंदिरों को खोलने की महत्वाकांक्षी योजना पर भी काम कर रही है.

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सरकार करा रही है सर्वेक्षण
इस बात की पुष्टि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने खुद सोमवार को की है. उनके मुताबिक जम्मू-कश्मीर को अस्थायी तौर पर मिले विशेष दर्जे को खत्म किए जाने और सूबे को दो केंद्र शासित प्रदेशों के तौर पर पुनर्गठन के बाद अब केंद्र सरकार घाटी में सालों से बंद पड़े मंदिरों को खोलने की तैयारी में है. उन्होंने बताया कि इसके तहत कश्मीर घाटी में बंद पड़े मंदिरों के सर्वे के लिए एक समिति का गठन किया है और उन्हें दोबारा खोला जाएगा. एक अनुमान के मुताबिक पिछले कुछ सालों में करीब 50 हजार मंदिर बंद हुए हैं, जिनमें से कुछ नष्ट हो गए थे और मूर्तियां टूटी हुई हैं. सरकार ने ऐसे मंदिरों के सर्वे का आदेश दिया है.

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कश्मीरी पंडितों की वापसी की ओर पहला कदम
गौरतलब है कि 90 के दशक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का दौर शुरू होने के बाद घाटी से लाखों की संख्या में कश्मीरी पंडितों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था. आतंकियों ने बड़े पैमाने पर कश्मीरी पंडितों का नरसंहार किया था और तमाम मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया था. पंडितों के पलायन के बाद घाटी में कई मंदिर बंद हो गए. इनमें शोपिया में भगवान विष्णु का मंदिर और पहलगाम में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर भी शामिल है.