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देश में कोरोना वैक्सीन लेने से पहली मौत की पुष्टि, 68 साल के बुजुर्ग ने गंवाई जान

कोरोना वैक्सीन लेने के बाद भारत में पहली मौत हुई है. एक 68 साल के बुजुर्ग ने  वैक्सीन की वजह से अपनी जान गंवाई है, जिसकी पुष्टि केंद्र सरकार की ओर से गठित पैनल ने की है.

Updated on: 15 Jun 2021, 01:26 PM

highlights

  • वैक्सीन लेने के बाद भारत में पहली मौत
  • AEFI पैनल की रिपोर्ट में बात सामने आई
  • केंद्र सरकार ने AEFI पैनल गठित किया है

नई दिल्ली:

कोरोना वैक्सीन लेने के बाद भारत में पहली मौत हुई है. एक 68 साल के बुजुर्ग ने वैक्सीन की वजह से अपनी जान गंवाई है, जिसकी पुष्टि केंद्र सरकार की ओर से गठित पैनल ने की है. वैक्सीन से कोई गंभीर बीमारी या मौत होने को वैज्ञानिक भाषा में एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) कहते हैं. इसको लेकर केंद्र सरकार ने एक कमेटी बनाई है. इस पैनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कोरोना वैक्सीन की वदह से एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत ही हुई. हालांकि कमेटी ने रिपोर्ट में भी साफ किया है कि वैक्सीन लगने के बाद नुकसान की तुलना में फायदे कहीं ज्यादा हैं.

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केंद्र सरकार की ओर से गठित पैनल की रिपोर्ट में बताया गया है कि 5 फरवरी से 31 मार्च के बीच कोरोना टीके प्राप्त करने वाले लाखों लोगों में से तीन लोगों ने वैक्सीन के कारण एनाफिलेक्सिस विकसित किया और उनमें से एक की मृत्यु हो गई. एनाफिलेक्सिस के कारण जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई, वह 68 वर्षीय एक व्यक्ति था, जिसे 8 मार्च 2021 को वैक्सीन लगवाई थी और कुछ दिन बाद ही उनकी मौत हो गई थी. एनाफिलेक्सिस एक गंभीर एलर्जिक रिएक्शन होता है, जिसे वैक्सीन लेने के बाद आधे घंटे के भीतर शरीर में हुए सीवियर रिएक्शन के तौर पर माना जाता है.

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औपचारिक रूप से वैक्सीन उत्पाद संबंधी प्रतिक्रिया (एनाफिलेक्सिस) के रूप में घोषित अन्य दो मामले एक 21 वर्षीय महिला और एक 22 वर्षीय व्यक्ति के थे, जिन्होंने क्रमशः 19 और 16 जनवरी को वैक्सीन ली थी. हालांकि अस्पताल में इलाज के बाद ये दोनों स्वस्थ हो गए. यह विश्लेषण एक रिपोर्ट में था, जिसे राष्ट्रीय एईएफआई समिति द्वारा 5 फरवरी और 31 मार्च के बीच कारण जांच के लिए अनुमोदित किया गया था. इस अवधि के दौरान 59.1 मिलियन खुराक दी गई थी.