मॉब लिंचिंग पर गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी बोले- विभिन्न राज्यों में अलग-अलग कारणों से हो रहीं ऐसी घटनाएं

रेड्डी ने कहा कि सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ही देश को मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं से बचने के बारे में लोगों अपील कर चुके हैं.

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Ravindra Singh
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मॉब लिंचिंग पर गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी बोले- विभिन्न राज्यों में अलग-अलग कारणों से हो रहीं ऐसी घटनाएं

संसद भवन (फाइल)

सरकार ने भीड़ हिंसा (मॉब लिंचिंग) का संबंध किसी दल विशेष नहीं होने का दावा करते हुये स्पष्ट किया है कि देश में मॉब लिंचिंग का एक समान स्वरूप नहीं है. विभिन्न राज्यों में अलग अलग कारणों से ऐसी घटनायें दर्ज की गयी हैं. गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया, प्राप्त तथ्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि देश में मॉब लिंचिंग का एक समान स्वरूप नहीं है. विभिन्न राज्यों में अलग अलग कारणों से इस तरह की घटनायें हुयी हैं. रेड्डी ने कहा कि सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ही देश को मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं से बचने के बारे में लोगों अपील कर चुके हैं. 

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उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और केरल सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के शासन वाले राज्यों में अलग अलग समय पर इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनायें हो चुकी हैं. रेड्डी ने कहा, ‘इससे किसी दल विशेष का कोई संबंध नहीं है. अलग अलग जगह विभिन्न समय पर मॉब लिंचिंग हुयी है. हमारी सरकार का मानना है कि किसी भी स्थान पर किसी भी समय मॉब लिंचिंग नहीं होनी चाहिये और इन घटनाओं को रोकने के लिये कानून के मुताबिके कार्रवायी हो, इसके लिये राज्य सरकारों को परामर्श जारी किया जाता है.’

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मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की तरह दूसरे कार्यकाल में भी असहिष्‍णुता का शोर उठा है. पहले कार्यकाल में बुद्धिजीवियों ने अवार्ड वापसी अभियान चलाया था. अब मशहूर फिल्‍म निर्देशक श्‍याम बेनेगल, इतिहासकार रामचंद्र गुहा, अदूर गोपालकृष्‍णन और कंचना सेन शर्मा जैसे 49 बुद्धिजीवियों ने पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखकर देश में असहिष्‍णुता का मुद़्दा उठाया है और इस पर कार्रवाई करने की मांग की है.

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पत्र में लिखा गया है कि देशभर में हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर हम चिंतित हैं. हमारे संविधान में देश को धर्मनिरपेक्ष, सामाजिक, लोकतांत्रिक गणराज्‍य बताया गया है, जहां सभी धर्म और मजहब, लिंग, जाति के लोगों को समान दर्जा दिया गया है. ऐसे में सभी धर्मों के लोगों को अपने अधिकार के साथ जीने का हक मिलना चाहिए. पत्र में मांग की गई है कि मुस्‍लिमों, दलितों और अन्‍य अल्‍पसंख्‍यकों के साथ लिंचिंग की घटनाएं तत्‍काल रोकी जानी चाहिए. हमलोग एनसीआरबी के उस आंकड़े से चिंतित हैं कि 2016 में दलितों के खिलाफ एट्रोसिटी के 840 मामले सामने आए थे. दूसरी ओर, 2009 से 2018 के बीच धर्म आधारित पहचान आधारित घृणा के 254 मामले सामने आए थे, तब 91 लोग मारे गए थे और 579 लोग घायल हुए थे.

HIGHLIGHTS

  • राज्यसभा में मॉब लिंचिंग पर बोले गृहराज्य मंत्री
  • विभिन्न राज्यों में अलग-अलग हुईं हैं घटनाएं
  • 49 बुद्धिजीवियों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
49 Intellectual personal wrote letter to PM Modi on Mob Lynching Mob lynching G Kishan Reddy rajya-sabha
      
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