नि​जी संपत्ति पर हो सकती है सरकार की हिस्सेदारी! जानें SC का क्या है जवाब 

सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान संपत्ति पुनर्वितरण पर कहा कि यह खतरनाक चलन होगा. लोक कल्याण को लेकर निजी संपत्ति का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है. 

सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान संपत्ति पुनर्वितरण पर कहा कि यह खतरनाक चलन होगा. लोक कल्याण को लेकर निजी संपत्ति का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है. 

author-image
Mohit Saxena
New Update
Supreme Court

Supreme Court( Photo Credit : social media)

सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति के पुनर्वितरण के मामले में बड़ी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट की 9 सदस्यीय बेंच का कहना है कि संविधान का उद्देश्य सामाजिक बदलाव की भावना को लाना है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह खतरनाक होगा कि किसी की निजी संपत्ति को समुदाय का भौतिक संसाधन नहीं कहा जा सकता है. इसे सार्वजनिक भलाई के लिए राज्य प्राधिकारों की ओर से उस पर कब्जा नहीं किया जा सकता है. इस मामले को लेकर आज भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रहने वाली है.  

Advertisment

25 साल है पुराना मामला 

सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता बेंच में 25 साल पुराने केस की सुनवाई हो रही है. बेंच इस बात पर गौर कर रही है कि निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को समुदाय को क्या भौतिक संसाधन कहा जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट में मुंबई के प्रॉपर्टी ऑनर्स असोसिएशन सहित अन्य पक्षकारों की ओर से दलील सामने आई. उन्होंने कहा, संवैधानिक स्कीम के नाम पर राज्य के अधिकारी की ओर से प्राइवेट प्रॉपर्टी पर कब्जा नहीं हो सकता  है. दलील में सामने आया कि संविधान के अनुच्छेद-39 बी और 31 सी की संवैधानिक योजनाओं के तहत संपत्ति पर कब्जा नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट के सामने कठिन प्रश्न ये है कि संविधान के अनुच्छेद-39 बी के तहत प्राइवेट संपत्ति को समुदाय का भौतिक संसाधन कहा जा सकता है. 

ये भी पढ़ें: पटना जंक्शन के पास होटल में लगी भीषण आग, मचा हड़कंप, 2 की मौत, कई फंसे, देखें Video

9 जजों की बेंच की टिप्पणी सामने आई

इस बीच सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की बेंच की टिप्पणी सामने आई. उसका कहना है, ये बड़ी बात होगी कि समुदाय के भौतिक संसाधन का अर्थ सिर्फ पब्लिक प्रॉपर्टी से है. ये प्राइवेट प्रॉपर्टी की उत्पत्ति से नहीं हो सकती  है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह कहना खतरनाक क्यों है, यह हम आपको बताएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर खदान या प्राइवेट वन के मामले को लेते हैं तो यह कहना खतरनाक होगा कि इनमें सरकारी नीति लागू नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1950 में सामाजिक और अन्य प्रचलित स्थितियां थी लेकिन संविधान का मकसद यह है कि सामाजिक बदलाव आए. ये सुनवाई गुरुवार यानी आज भी जारी रहेगी.

Source : News Nation Bureau

sc on private property community right on private property newsnation sc 9 judges bench private property right sc on right on private property
      
Advertisment