आम बजट में 50000 रुपये के नकदी लेन-देन पर पैन नंबर मुहैया कराने की लिमिट को सरकार घटाकर 30000 रुपये कर सकती है। कालेधन पर अंकुश लगाने और डिजिटल ट्रांसेक्शन को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठा सकती है।
फिलहाल 50000 रुपये के कैश ट्रांसेक्शन पर पैन नंबर की जानकारी देनी अनिवार्य थी लेकिन अब सरकार इसे घटा सकती है। सूत्रों के मुताबिक अब सरकार 30000 रुपये के नकद लेनदेन पर पैन नंबर दिखाना अनिवार्य कर सकती है।
एक अंग्रेज़ी अख़बार के मुताबिक, कारोबारी लेन-देन के लिए भी पैन कार्ड की जानकारी देने के मापदंड में भी बदलाव किया जा सकता है। इसके अलावा, सरकार खास सीमा के नकदी पेमेंट्स के ऊपर कैश-हैंडलिंग चार्जेज भी लगा सकती है।
सरकार इन कदमों के ज़रिए नकदी लेन-देन को कम करने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के अपने अभियान को तेज़ करने की कोशिश कर सकती है।
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Source : News Nation Bureau