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TMC सांसद के खिलाफ सरकार लाएगी विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव, जानिए वजह

महुआ मोइत्रा (MP Mahua Moitra) ने राष्ट्रपति के अभिभाषण (Motion of Thanks to the President's address) पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान सोमवार को भारत के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश (Ex Chief Justice of India) के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी कर लोकसभा में हंगामा खड़ा कर दिया.

Updated on: 09 Feb 2021, 10:30 AM

highlights

  • महुआ मोइत्रा पर सरकार कर सकती है कार्रवाई
  • पूर्व मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ की टिप्पणी
  • अनुच्छेद 121 के मुताबिक हो सकती है कार्रवाई

नई दिल्ली:

तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा (MP Mahua Moitra) ने राष्ट्रपति के अभिभाषण (Motion of Thanks to the President's address) पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान सोमवार को भारत के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश (Ex Chief Justice of India) के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी कर लोकसभा में हंगामा खड़ा कर दिया. सत्तापक्ष ने महुआ पर संसदीय नियमों के उल्लंघन और पद का अनादर करने का आरोप लगाया. सत्तापक्ष के सांसदों ने तुरंत उनकी टिप्पणी को कार्यवाही से निकालने की मांग करते हुए तर्क दिया कि यह राष्ट्रपति की गरिमा पर सीधा हमला है जो भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद के लिए किसी व्यक्ति का चयन करता है.

पश्चिम बंगाल के कृष्णा नगर से 45 वर्षीय सांसद ने सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश का जिक्र किया, जिनके खिलाफ एएम के आरोप के आधार पर मामला दर्ज किया गया था. टीएमसी सांसद ने अपने कड़े शब्दों वाले भाषण में 'घृणा और कट्टरता' को लेकर सरकार पर बहुत ही जोरदार प्रहार किया और सरकार पर इस बात का आरोप भी लगाया कि देश की न्यायपालिका और मीडिया को भी सरकार ने निष्क्रिय कर दिया है. 

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सरकार कर सकती है महुआ के खिलाफ कार्रवाई
अब केंद्र सरकार टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में है. मीडिया के सूत्रों के मुताबिक सरकार संसद में महुआ मोइत्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव ला सकती है. आपको बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 121 के मुताबिक कोई सांसद या संसद सदस्य सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के जज जिसने कोई फैसला दिया हो, उसकी चर्चा सदन में नहीं कर सकता है. 

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संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के आचरण पर सवाल नहीं उठाया जा सकता
इसके अलावा संसद के नियम और प्रक्रिया 352 (5) भी इस बात को तय करते हैं कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के आचरण पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है. सदन में चेयरमैन द्वारा निर्देशित किये जाने के बावजूद नियम 356 का उल्लंघन करते हुए मोइत्रा ने अपने बयानों को दोहराया. राष्ट्रपति के अभिभाषण धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपने भाषण में उन्होंने सरकार, न्यायपालिका और मीडिया पर कटाक्ष किया था.

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बीजेपी सांसदों ने जताई थी आपत्ति
भाजपा के दो सदस्यों, कांग्रेस के फ्लोर लीडर अधीर रंजन चौधरी और डीएमके के टीआर बल्लू के बाद पांचवें सांसद थे, जिन्हें राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने का मौका मिला, जो विपक्ष द्वारा नए कृषि कानूनों पर अलग से चर्चा करने के लिए बनाए गए हंगामा के कारण पिछले एक सप्ताह से ठप हो गया था. महुआ मोइत्रा ने जब मुख्य न्यायाधीश का नाम लिया तो तुरंत बाद भाजपा के निशिकांत ठाकुर और संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने संसदीय नियमों का हवाला देते हुए आपत्ति जताई कि विशिष्ट उच्च पदों के नाम लेना नियमों का उल्लंघन है.