नोटबंदी के बाद कई अर्थशास्त्रियों और राजनीतिक दलों ने आरबीआई की आलोचना की है। वहीं अब केंद्रीय बैंक के कर्मचारियों ने भी सवाल उठाए हैं। आरबीआई के कर्मचारियों ने कहा है कि वह कुप्रबंधन को लेकर खुद अपमानित महसूस कर रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के कर्मचारियों ने गवर्नर उर्जित पटेल को चिट्ठी लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया है।
पत्र में कर्मचारियों ने आरबीआई की स्वायत्तता को चोट पहुंचाने का भी आरोप लगाया है। कर्मचारियों ने कहा, 'इस कुप्रबंधन से आरबीआई की छवि और स्वायत्तता को इतना नुकसान पहुंचा है कि उसे दुरूस्त करना काफी मुश्किल है।' इसके अलावा नकदी प्रबंधन के आरबीआई के विशेष कार्य के लिए वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति को कर्मचारियों ने 'जबर्दस्त अतिक्रमण' बताया है।
यूनाइटेड फोरम ऑफ रिजर्व बैंक ऑफिसर्स एंड इम्पलाइज की ओर से कहा गया है, 'रिजर्व बैंक की दक्षता और स्वतंत्रता वाली छवि उसके कर्मचारियों के दशकों की मेहनत से बनी थी, लेकिन इसे एक झटके में ही खत्म कर दिया गया। यह अत्यंत क्षोभ का विषय है।'
उर्जित पटेल को लिखे पत्र पर ऑल इंडिया रिजर्व बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन के समीर घोष, ऑल इंडिया रिजर्व बैंक वर्कर्स फेडरेशन के सूर्यकांत महादिक, ऑल इंडिया रिजर्व बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के सीएम पॉलसिल और आरबीआई ऑफिसर्स एसोसिएशन के आरएन वत्स के हस्ताक्षर हैं। इनमें से घोष और महादिक ने पत्र लिखने की पुष्टि की है।
हाल ही में रिजर्व बैंक ने संसदीय पैनल को दिये गये एक रिपोर्ट में कहा था कि नोटबंदी का फैसला केंद्र सरकार का था और इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को घोषणा से मात्र एक दिन पहले जानकारी दी गई थी।
विपक्षी दल भी आरबीआई की स्वायत्तता पर सवाल उठाते रहे हैं। उनका कहना है कि जो फैसला आरबीआई को लेना होता है वह केंद्र सरकार ले रही है।
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HIGHLIGHTS
- आरबीआई कर्मचारियों ने कहा, नोटबंदी के बाद 'अपमानित' महसूस कर रहे हैं
- उर्जित पटेल को कर्मचारियों ने लिखा पत्र, सरकार पर लगाया 'जबर्दस्त अतिक्रमण' का आरोप
- पत्र में कहा, RBI की छवि को इतना नुकसान पहुंचा है कि उसे दुरूस्त करना काफी मुश्किल है
Source : News Nation Bureau