केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों की एंट्री पर लगा बैन हटा दिया गया है. यानी अब सरकारी कर्मचारी संघ के कार्यक्रमों में बिना किसी रोक-टोक के हिस्सा ले सकेंगे. खास बात यह है कि मोदी सरकार ने करीब 6 दशक पुराने बैन को हटाने का काम किया है. 58 वर्षों पहले यह बैन लगाया गया था. जिसके चलते सरकारी कर्मचारी किसी भी संघ के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकते थे.
RSS की गतिविधियों में शामिल हो सकेंगे सरकारी कर्मचारी
केंद्र सरकार के फैसले के मुताबिक अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर आयोजित गतिविधियों में सरकारी कर्मचारी भी हिस्सा ले सकेंगे. आदेश पर नजर दौड़ाएं तो इसमें लिखा है कि- '30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के जुड़े कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए.'
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सामने आए पॉलिटिकल रिएक्शन
केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर राजनीतिक दलों की ओर से भी प्रतिक्रियाएं सामने आईं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये फैसला बैकडोर से आरएसएस की सरकार में एंट्री है. कांग्रेस इस फैसले का विरोध करती है. वहीं जयराम रमेश ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर लिखा- सरदार पटेल ने महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर बैन लगाया था.
आजादी के बाद आरएसएस ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया. 1966 में सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने पर रोक लगी, लेकिन अब इस रोक को हटा दिया गया. ये आरएसएस के साथ बढ़ते विवाद को कम करने की कोशिश है. वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी प्रमुख और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने भी इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इस फैसले को तुष्टिकरण बताया.
क्यों लगाई गई थी सरकारी कर्मचारियों पर रोक
सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस के कर्यक्रमों में शामिल होने पर रोक करीब 58 वर्ष पहले लगी थी. दरअसल उस दौरान यानी 1965 में देश में गोहत्या पर रोक लगाने और सख्त कानून बनाए जाने की मांग की जा रही थी.
इसको लेकर आंदोलन भी शुरु हुआ. साल 1966 में संत गोहत्या पर रोक और गोरक्षा को लेकर सख्त कानून की मांग को लेकर दिल्ली कूच किया. साधु-संतों ने संसद के बाहर पहुंचकर आमरण अनशन का ऐलान कर दिया. दिल्ली में कर्फ्यू की स्थिति बन गई और कई संतों को जेल में बंद भी किया गया. इसके बाद 30 नवंबर 1966 को केंद्र सरकार ने आरएसएस के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया.
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Source : News Nation Bureau