11 दिसंबर मंगलवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है. इससे पहले सरकार ने सोमवार को दोनों सदनों के सुचारू रूप से कामकाज के लिए सर्वसम्मति बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. बैठक में भाग लेने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद भी पहुंचे. वहीं, गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अलावा सीपीआई नेता डी राजा ने भी बैठक में हिस्सा लिया. पीएम नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया कि सरकार विपक्ष के साथ हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. दूसरी ओर, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने भी अलग-अलग बैठकें बुलाई. संसदीय मामलों के मंत्रालय द्वारा बुलाए जाने वाले पारंपरिक सत्र-पूर्व बैठक में प्रधानमंत्री आमतौर पर सरकार के एजेंडे को सूचीबद्ध करते हैं और आधिकारिक व्यवसाय के सुचारू लेनदेन के लिए विपक्ष के समर्थन की मांग करते हैं. लोकसभा चुनाव से पहले यह अंतिम पूर्ण संसद सत्र होगा.
वहीं संसद के शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "यह सत्र अहम है, और जनता के लिए अहमियत रखने वाले कई मुद्दे उठाए जाएंगे... मुझे भरोसा है कि संसद के सभी सदस्य इस भावना की कद्र करेंगे, और आगे बढ़ेंगे... हमारा प्रयास है कि सभी मुद्दों पर चर्चा हो..."
प्रधानमंत्री ने कहा, "उम्मीद है कि शीत सत्र में सांसद जनकल्याण के मुद्दों पर समय लगाएंगे, खुद पर नहीं..."
सत्र के दौरान लोकसभा में पेश होने वाले नए विधेयक
तीन तलाक संबंधी विधेयक
कंपनी संशोधन विधेयक
भारतीय चिकित्सा परिषद संशोधन विधेयक
भारतीय औषधि प्रणाली के लिये राष्ट्रीय आयोग संबंधी विधेयक
राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक
राष्ट्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा आयोग विधेयक
राष्ट्रीय विमान संशोधन विधेयक
जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक संशोधन विधेयक
सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन विधेयक
राष्ट्रीय जांच एजेंसी संशोधन विधेयक
गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम संशोधन विधेयक
बांध सुरक्षा विधेयक
एनसीईआरटी विधेयक आदि शामिल हैं
सोमवार को पांच राज्यों को रिजल्ट भी आना है
गौरतलब है कि आज पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आ रहे हैं. ऐसे में यह एक और शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने का कारण है. 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा के लिए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे खासा मायने रखते हैं.