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केरल में शासन अब पारिवारिक मामला, रियाज की पकड़ हुई मजबूत

केरल में शासन अब पारिवारिक मामला, रियाज की पकड़ हुई मजबूत

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IANS
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Governance in

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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केरल की राजनीति में वामपंथी शासन के तहत तब एक महत्वपूर्ण विचारणीय पल था, जब ऐतिहासिक जीत के बाद पिनाराई विजयन ने अपने मंत्रिमंडल में अपने नए दामाद पी.ए.मोहम्मद रियाज को शामिल किया।

फिर उन्हें लोक निर्माण और पर्यटन विभाग दिया गया और लगभग तीन महीने के बाद, सभी को यह जानने में दिलचस्पी है कि क्या राज्य में शासन एक पारिवारिक मामला बन गया है।

यह तब स्पष्ट हो गया जब 46 वर्षीय रियाज ने चल रहे विधानसभा सत्र को आसानी से संभाला और उन्हें राज्य के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक के केरल इंफ्रास्ट्रक्च र इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड(केआईआईएफबी) की प्रमुख परियोजना को नियंत्रित करते हुए देखा गया।

केआईआईएफबी एक सरकारी स्वामित्व वाली वित्तीय संस्था है जिसका गठन राज्य के राजस्व के बाहर से बुनियादी ढांचे के विकास के लिए धन जुटाने के लिए किया गया था।

विजयन के दूसरे कार्यकाल में, इसाक को चुनाव लड़ने के लिए सीट नहीं दी गई क्योंकि पार्टी में कई बड़े चेहरे थें, विजयन अपनी कैबिनेट टीम को आसानी से चुनने में सक्षम थे।

जब के.एन. बालगोपाल को वित्त मंत्री और उनके करीबी पी.राजीव को राज्य उद्योग मंत्री बनाया गया और उन्होंने कैबिनेट में युवाओं को शामिल किया।

नाम न छापने की शर्त पर एक मीडिया समीक्षक ने बताया कि अगर कोई इस पर गौर करे कि विधानसभा में क्या हो रहा है, तो यह बिल्कुल स्पष्ट है कि रियाज ने स्पष्ट रूप से केआईआईएफबी को अपने अधीन में ले लिया है।

आलोचक ने कहा, अगर कोई केआईआईएफबी में उनके काम के बारे में सवाल करता है तो इसका जवाब यह है कि लोक निर्माण मंत्री होने के नाते रियाज ने पदभार संभाला है।

केआईआईएफबी के सीईओ पूर्व मुख्य सचिव के. एम. अब्राहम हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव का पद दिया गया है, जिससे केआईआईएफबी और रियाज के बीच डयरेक्ट लिंक उभरकर सामने आता है, जो इसे पारिवारिक मामला बना रहा है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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