Advertisment

जांच टीम का खुलासा, गोरखपुर बीआरडी अस्पताल में है स्टाफ की कमी और सुविधाओं का अभाव

तीन सदस्यों की केंद्रीय टीम ने हॉस्पीटल का दौरा किया था। इस दौरे में टीम ने वहां की कमियों के बारे में बताया।

author-image
abhiranjan kumar
एडिट
New Update
जांच टीम का खुलासा, गोरखपुर बीआरडी अस्पताल में है स्टाफ की कमी और सुविधाओं का अभाव

बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज

Advertisment

गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की भारी कमी है। 12 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों में से मात्र आठ डॉक्टरों ही है। वहीं 31 नर्स के बदले मात्र तीन नर्स हैं जिनके सहारे नवजात बच्चों की देखरेख होती है।

इंडियन एक्सप्रेस की खबरों की माने तो वहां भर्ती होने वाले बच्चों के माता-पिता को बाहर से मेडिकल सामान खरीदना पड़ता है। रिपोर्ट में इस बात भी जिक्र किया गया है कि हॉस्पिटल में बुनियादी सुविधाओं की भी कमी है।

रिपोर्ट की माने तो हॉस्पिटल में संक्रमण नियंत्रण मानदंड का भी उल्लंघन देखने को मिलता है। इस कारण हमेशा संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। इस बात की जानकारी केंद्र द्वारा भेजी गई कमिटी ने दी है।

बता दें कि तीन सदस्यों की केंद्रीय टीम ने हॉस्पीटल का दौरा किया था। इस दौरे में टीम ने वहां की कमियों के बारे में बताया। केंद्रीय टीम का यह दौरा हॉस्पिटल में लगातार हो रहे बच्चों की मौत के बाद हुआ है।

इसे भी पढ़ेंः सीएम योगी-राहुल का गोरखपुर दौरा आज, बीआरडी में मारे गए बच्चों के परिजनों से मिलेंगे कांग्रेस उपाध्यक्ष

बता दें कि हॉस्पिट में 24 घंटे में 30 बच्चों की मौत हो गई थी। विपक्षी दल ऑक्सीजन की कमी को मौत का कारण बता रहे थे वहीं सरकार ने इस बात को खारिज कर दिया था।

राज्य के स्वास्थ मंत्री ने कहा था कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। इनकी मौत इंसेफेलाइटिस से हुई है। बता दें कि सात अगस्त से 17 अगस्त के बीच 71 बच्चों की मौत हो चुकी है।

केंद्रीय जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपा है। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि बाल चिकित्सा कक्ष में सुविधाओं का अभाव है। टीम ने 13 अगस्त को दौरा किया था।

गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत के मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। इस बारे में कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया है।

इससे पहले जिला अधिकारी (डीएम) ने बच्चों की मौत को लेकर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दी है। रिपोर्ट में ऑक्सीजन सप्लाई में रुकावट होने की बात स्वीकार की गई है।

रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसपल आर के मिश्रा, ऑक्सजीन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स, एनेसथीसिया डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ सतीश को इसके लिए प्राथमिकत तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है।

सभी राज्यों की खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Source : News Nation Bureau

gorakhpur gorakhpur deaths Gorakhpur Hospital BRD
Advertisment
Advertisment
Advertisment