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गूगल ने भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी की डूडल बनाकर दी श्रद्धांजलि

आनंदी ने 14 साल की उम्र में एक लड़के को जन्म दिया, लेकिन उसकी उचित चिकित्सा देखभाल की कमी के कारण जल्दी मौत हो गई। उनकी जिंदगी ने यही से अहम मोड़ लिया जिससे उनकी मेडिसिन में रूचि जागी।

Updated on: 31 Mar 2018, 01:08 PM

नई दिल्ली:

आज गूगल ने भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी की 153 वीं जयंती पर डूडल बना कर उनको श्रद्धांजलि दी है। जोशी को समर्पित डूडल में वह हाथ में डिग्री और गले में स्टेथोस्कोप डाले हुए नजर आ रही हैं।

आनंदी का जन्म 31 मार्च 1865 को महाराष्ट्र में हुआ था। उनका जीवन साहस और दृढ़ता का सफर रहा है। उनकी शादी मात्र 9 साल की उम्र में गोपलाराव नाम के व्यक्ति के साथ कर दी गई जो उनसे उम्र में 20 साल बड़ा था। हालांकि गोपालराव ने अपनी पत्नी का प्रोत्साहन बढ़ाते हुए उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित किया।

बेटे की मौत ने बना दिया डॉक्टर

आनंदी ने 14 साल की उम्र में एक लड़के को जन्म दिया, लेकिन उसकी उचित चिकित्सा देखभाल की कमी के कारण जल्दी मौत हो गई। बेटे की मौत ने उनके दिल पर एक बहुत बड़ा आघात किया। कहा जाता है कि आनंदी की जिंदगी ने यही से अहम मोड़ लिया जिससे उनकी मेडिसिन में रूचि जागी।

अपनी संतान को खो देने के बाद उन्‍होंने वादा किया कि वह एक दिन डॉक्‍टर बनेंगी और ऐसी असमय मौत को रोकने की कोशिश करेंगी। उनके पति गोपालराव ने भी उनको इस पढ़ाई के लिए भरपूर सहयोग दिया। इसके बाद उन्होंने 16 साल की आनंदी को आगे पढ़ने के लिए अमेरिका भेज दिया।

कम उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

आनंदी ने अमेरिका के महिला मेडिकल कॉलेज ऑफ पेंसिलवेनिया (जिसे अब ड्रक्सेल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के नाम से जाना जाता है) से मेडिकल की डिग्री हासिल की और एक महिला मेडिकल कॉलेज खोलने के सपने के साथ भारत लौटीं। लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और उनका सपना पूरा नहीं हो सका। भारत लौटने के बाद आनंदी काफी बीमार रहने लगी थीं। इस कारण 22 साल की अल्पायु उम्र में ही उनका निधन हो गया।

आनंदी जोशी ने ने जिस उद्देश्य से डॉक्‍टरी की डिग्री हासिल की थी वो उसमे पूरी तरह सफल नहीं हो पाई थी। लेकिन आज भी समाज में उन्हें एक सम्मानित महिला के रूप में याद किया जाता है। वहीं वो आज भी एक मिसाल के रूप में याद की जाती है।

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