कन्नड़ के मशहूर लेखक और कवि कुवेंपू की जयंती पर गूगल ने बनाया डूडल

कन्नड़ के मशहूर लेखक और कवि कुवेंपू की 113 वीं जयंती पर सर्च इंजन गूगल ने रोचक डूडल बनाकर उन्हें याद किया।

कन्नड़ के मशहूर लेखक और कवि कुवेंपू की 113 वीं जयंती पर सर्च इंजन गूगल ने रोचक डूडल बनाकर उन्हें याद किया।

author-image
ruchika sharma
एडिट
New Update
कन्नड़ के मशहूर लेखक और कवि कुवेंपू  की जयंती पर गूगल ने बनाया डूडल

कन्नड़ के मशहूर लेखक और कवि कुवेंपू

कन्नड़ के मशहूर लेखक और कवि कुवेंपू की 113 वीं जयंती पर सर्च इंजन गूगल ने रोचक डूडल बनाकर उन्हें याद किया कुवेंपू का असली नाम कुप्पाली वेंकटप्पा पुट्टप्पा था लेकिन वह कुवेंपू के नाम से लोकप्रिय है

Advertisment

गूगल के ब्लॉग में लिखा है कि कुवेंपू नाम से लोकप्रिय कवि कन्नड़ के मशहूर लेखक है कुवेंपू के जन्मस्थान कर्नाटक में कन्नड़ भाषा बोली जाती है और उन्होंने इसे शिक्षा के लिए मुख्य माध्यम बनने के लिए वकालत की। 

उपमन्य भट्टाचार्य (और स्वाती शेलर, जिन्होंने कन्नड़ लिखित रूप में मदद की थी) द्वारा सचित्र डूडल में कवि प्रकृति की गोद में बैठे हुए है और उनके पीछे कन्नड़ भाषा की तरह गूगल लिखा हुआ है

कुवेंपू की कविता ऊपर दिखाया गया है 'पोवु' (द फ्लावर), कवि के प्राकृतिक परिवेश की सुंदरता को लेकर।

29 दिसंबर, 1904 को मैसूर में जन्मे कुवेंपू पहले ऐसे कन्नड़ लेखक है जिन्हे प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था

और पढ़ें: Live: मुंबई के कमला मिल्स कंपाउंड में लगी भीषण आग, 15 की मौत, कई गंभीर रूप से घायल

कन्नड़ साहित्य में उनके योगदान के लिए, कर्नाटक सरकार ने उन्हें 1958 में राष्ट्रकविक (राष्ट्रीय कवि) और 1992 में कर्नाटक रत्न (कर्नाटक के रत्न) के साथ सम्मानित किया गया था।

उनके महाकाव्य कथा 'श्री रामायण दर्शन', जो भारतीय हिंदू महाकाव्य रामायण का एक आधुनिक प्रस्तुति है, को महाकविता (महान महाकाव्य कविता) के युग के पुनरुद्धार के रूप में जाना जाता है।

कुवेम्पु ने 1 नवंबर, 1994 को 89 वर्ष की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली।

और पढ़ें: रेलमंत्री पीयूष गोयल ने साइबर सुरक्षा को और मजबूत करने के दिए आदेश

Source : News Nation Bureau

Google Doodle Kannada poet Kuvempu
Advertisment