उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यूपी समेत चार राज्यों हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में छापेमारी शुरू की है. बताया जा रहा है कि सिंचाई विभाग के पूर्व अधिकारियों और गैमन इंडिया कंपनी के अधिकारियों के 8 ठिकानों पर छापेमारी की गई है. ED की टीम ने लखनऊ में गोमती नगर के विशाल खण्ड और राजाजीपुरम इलाके में छापेमारी की. छापेमारी में इंजीनियरों और ठेकेदारों के घर को खंगाला जा रहा है. उधर राजस्थान के भिवाड़ी में भी ईडी ने छापेमारी की है. इसके अलावा हरियाणा के गुरुग्राम और नोएडा के सेक्टर-62 स्थित आईथम टॉवर में छापेमारी की सूचना है.
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लखनऊ के विशालखण्ड में भी छापेमारी जारी है. ईडी इंजीनियरों और ठेकेदारों का घर खंगाल रही है. बताया जा रहा है कि मनी लांड्रिंग के पुख्ता सबूत मिलने पर ईडी ने छापेमारी की है. ED ने विशाल खंड के रिशू कंस्ट्रक्शन में छापेमारी की है. रेड की आंच जल्द ही इंजीनियरों, ठेकेदारों, ब्यूरोक्रेट्स और राजनीतिक गलियारे तक पहुंचेगी.
ED ने पिछले साल ही गोमती रिवर फ्रंट घोटाले के आरोपी इंजीनियरों की संपत्तियों की जांच शुरू की थी. इन आरोपी इंजीनियरों के खिलाफ मनी लांड्रिग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर इनकी एक-एक सम्पत्तियों की जांच शुरू कर दी गई है. प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपी इंजीनियरों की अचल संपत्तियों की जांच शुरू करते हुए तत्कालीन गोमती रिवर फ्रंट से जुडे अधीक्षण अभियन्ता शिवमंगल सिंह यादव और चीफ इंजीनियर गोलेश चन्द्र गर्ग और उनकी पत्नी मधुबाला गर्ग, पुत्र तनुज गर्ग के साथ पुत्र वधु स्वाति तनुज गर्ग के हाउस, फ्लैट, कामर्शियल लैंड और अन्य जमीनों का ब्योरा आईजी स्टाम्प से मांगा था. जिसके बाद आईजी स्टाम्प सीताराम यादव ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के एआईजी स्टाम्प से आरोपी इंजीनियर और उनके परिजनों की संपत्तियों का ब्योरा तत्काल उपलब्ध कराने का निर्देश जारी कर दिया था.
Source : News Nation Bureau