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सोनभद्र के सोने से भारतीय अर्थव्यवस्था के आएंगे अच्छे दिन? मालामाल होगा भारत

सोनभद्र (Sonbhadra) में मिले सोने के भंडार के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे दिन की उम्मीद नजर आने लगी है. अगर सोनभद्र (Sonbhadra) में सोने की खदानों से 3 हजार टन सोना मिल जाता है तो गोल्ड रिजर्व (Gold reserve) में भारत दूसरे स्थान पर पहुंच जाए

Updated on: 22 Feb 2020, 04:23 PM

सोनभद्र:

सोनभद्र (Sonbhadra) में सोने की खदान (Gold Mine) मिलने से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर आई है. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि सोनभद्र में सोने की खदान है. जीएसआई ने एक मोटे तौर पर अनुमान लगाया है कि सोनभद्र जिले के सोन पहाड़ियों और हरदी इलाके में 3 हजार टन से अधिक सोना मौजूद है. इस सोने की कीमत करीब 12 लाख करोड़ है. अगर यह सोना निकाल लिया जाता है तो यह भारत के कुल गोल्ड रिजर्व का पांच गुना है.

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सोनभद्र में सोने की खोज के बाद अब इसे निकालने की कवायद शुरू हो चुकी है. सोने को खदान से निकालने के लिए ई टेडरिंग के जरिए सोने के ब्लॉक की नीलामी होगी. टेंडर प्रक्रिया शुरू होने के बाद सोन पहाड़ियों और हरदी इलाके से सोने की खुदाई शुरू हो जाएगी. इसके बाद पूरा भारत मालामाल हो जाएगा. इस सोने के निकलने से भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और 5 ट्रिलियन डॉलर का सपना भी साकार हो सकेगा.

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भारत का विश्व में होगा दूसरा स्थान
भारत में फिलहाल सोने का भंडार 626 टन का है. अगर सोनभद्र में सोने की खदानों से अगर 3 हजार टन सोना मिल जाता है तो गोल्ड रिजर्व में भारत दूसरे स्थान पर पहुंच जाएगा. इसका मतलब हुआ कि अमेरिका के बाद भारत विश्व में दूसरा देश होगा जिसके पास सबसे ज्यादा सोने का भंडार होगा. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक अभी अमेरिका के पास 8,133.5 टन सोना है. अमेरिका के बाद दूसरा नंबर जर्मनी का आता है, जिसके पास 3,366 टन सोना रखा है. इसके बाद इटली और फ्रांस का नंबर आता है. इटली के पास 2,451.8 टन और फ्रांस के पास 2,436 टन सोना मौजूद है.

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अर्थवयवस्था होगी मजबूत
एक आंकड़े के मुताबिक भारत सरकार ने 2019-20 के अप्रैल नवंबर महीने में सोने का आयात कम किया है. इसकी वजह से व्यापार घाटा कम हुआ है. इस दौरान सरकार का व्यापार घाटा 106.84 अरब डॉलर रहा. जबकि इसी दौरान एक साल पहले व्यापार घाटा 133.74 अरब डॉलर था. इस वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.8 रहने का अनुमान है. जबकि सरकार का लक्ष्य था कि इसे 3.3 फीसदी तक रखा जाए. व्यापार घाटा ज्यादा होने का मतलब है कि सरकार आमदनी से ज्यादा खर्च कर रही है. अगर सोनभद्र में सोने का भंडार मिलने से राजकोषिय घाटा कम होता है तो ये सरकार की बड़ी सफलता होगी और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.