जम्मू एवं कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में बुधवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास देवी शारदा की एक मूर्ति स्थापित की जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करने की उम्मीद है।
76 साल बाद कुपवाड़ा के टीटवाल इलाके में देवी के लिए एक मंदिर का निर्माण किया गया है और देवी की मूर्ति कर्नाटक के शिंगेरी मठ से लाई गई है।
मूर्ति की स्थापना कश्मीरी हिंदू नव वर्ष के पहले दिन नवरेह पर की जा रही है।
देश के विभाजन से पहले टीटवाल देवी शारदा के मंदिर का ऐतिहासिक बेस कैंप था।
कृष्णगंगा नदी के तट पर स्थित मूल मंदिर और एक निकटवर्ती गुरुद्वारा, 1947 में आदिवासी हमलावरों द्वारा नष्ट कर दिया गया था।
देवी की मूर्ति की स्थापना और तीटवाल में मंदिर के निर्माण का स्थानीय मुसलमानों द्वारा व्यापक रूप से स्वागत किया गया है। वो मानते हैं कि इससे इस क्षेत्र को अपनी खोई हुई गरिमा और तीर्थ के पवित्र स्थान के रूप में मान्यता मिलेगी।
शारदा पीठ शिक्षा का एक प्राचीन केंद्र था, जहां न केवल भारत बल्कि मध्य एशिया से भी विद्वान आते थे।
6ठी और 12वीं शताब्दी के बीच, शारदा पीठ उपमहाद्वीप के सबसे प्रमुख मंदिर विश्वविद्यालयों में से एक था।
बुधवार को ऐतिहासिक धार्मिक समारोह का हिस्सा बनने के लिए टीटवाल में इकट्ठा हुए सैकड़ों भक्तों और विद्वानों में कर्नाटक के शिंगेरी मठ के लगभग 100 पुजारी हैं।
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Source : IANS