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लेखकों को सरकार का चीयरलीडर्स नहीं बनना चाहिए

लेखकों को सरकार का चीयरलीडर्स नहीं बनना चाहिए

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IANS
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Goa Writer

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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गोवा के जाने-माने लेखक दामोदर मौजो का कहना है कि यह बहुत दुखद है कि कई लेखक इस व्यवस्था के चीयरलीडर्स के रूप में काम कर रहे हैं, जो भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

कोंकणी में अपने लेख के लिए जाने- जाने वाले मौजो को कर्नाटक में पत्रकार-कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल के खुफिया इनपुट के बाद वर्ष 2018 में सुरक्षा प्रदान की गई थी।

मौजो ने दक्षिण गोवा के मडगांव में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, अगर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला होता है तो न केवल लेखक बल्कि राज्य की संस्कृति भी खतरे में आ जाएगी। इसलिए हमें आवाज उठानी होगी और संघर्ष करना होगा। हमें अपने भाषण और अभिव्यक्ति की रक्षा के लिए अपने स्थान का उपयोग करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि पुरस्कार विजेताओं को ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए कि वे सर्वोच्च या श्रेष्ठ हैं।

मौजो ने कहा, अगर वे ऐसा करते हैं, तो लोग उनके साथ बातचीत करने से हिचकिचाएंगे और ऐसे पुरस्कार विजेताओं से दूर रहेंगे। हमारा लेखन तभी प्रभावशाली होगा जब हम समाज के साथ चलेंगे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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