गोवा पुलिस की ड्रग नष्ट करने के लिए बनाई गई समिति ने संबंधित मामलों की सुनवाई अदालत में पूरी होने के बाद पिछले चार साल में 101.993 किलोग्राम नशीली दवाएं नष्ट की हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, नष्ट किए गए ड्रग्स में चरस, गांजा, एलएसडी, कोकीन, इक्सटेसी टेबलेट, एमडीएमए पाउडर, हेरोइन, ब्राउन शुगर और ओपियम शामिल हैं।
गोवा सरकार ने जब्त की गई नशीली दवाओं को नष्ट करने के लिए वर्ष 2010 में नार्कोटिक ड्रग एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांस डिस्पोजल कमिटि का गठन किया था।
सूत्रों ने बताया कि ड्रग्स को नष्ट करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं है। अदालत में मामले के अंतिम निष्पादन के बाद अदालत उस मामले में जब्त ड्रग्स को नष्ट करने का आदेश देती है। इसके बाद समिति केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग की अधिसूचना के अनुसार ड्रग्स को बामबोलिम स्थित गोवा मेडिकल कॉलेज और कुंडाइम स्थित बायोटिक वेस्ट सॉल्यूशन प्लांट के इनसीनरेटरों में नष्ट करती है।
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, राज्य में एनडीपीएस कानून के तहत 2017 में 168, 2018 में 222, 2019 में 219, 2020 में 148, 2021 में 121, 2022 में 154 और इस साल मार्च तक 48 केस दर्ज किए गए हैं।
माना जाता है गोवा में छह दशक पहले हिप्पी ड्रग्स लेकर आए थे। अब स्थानीय लोगों के शामिल होने से इसका अवैध कारोबार काफी बढ़ गया है। पुलिस को उन्हें पकड़ने और इसकी आपूर्ति श्रंखला को तोड़ने में काफी मुश्किल आ रही है।
नारको-टूरिज्म के केंद्र के रूप में गोवा की पहचान बढ़ती जा रही है। कई लोग ड्रग्स के कारोबार और इसका सेवन करने के उद्देश्य से इस तटीय राज्य में आते हैं। खबरों के अनुसार, भाजपा सरकार ने वर्ष 2020 में गोवा में मारिजुआना और भांग की खेती को वैध बनाने की योजना तैयार की थी, लेकिन विपक्ष के भारी विरोध के कारण उसे यह यह विचार छोड़ना पड़ा।
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Source : IANS