logo-image

मप्र में बालिका शिक्षा और रोजगार पर जोर

मप्र में बालिका शिक्षा और रोजगार पर जोर

Updated on: 14 Jul 2021, 01:30 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश में बालिका शिक्षा और उनके रोजगार पर सरकार ने जोर देना शुरु किया है। इसके लिए जहां बालिकाओं की शिक्षा की कक्षावार ट्रेकिंग की जाएगी तो वहीं उनके लिए रोजगार के अवसर दिलाने के प्रयास होंगे। साथ ही, उनकी अभिरुचि के अनुसार उच्च व व्यावसायिक शिक्षा के लिए जरुरी मार्गदर्शन भी दिलाया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाडली लक्ष्मी योजना की समीक्षा बैठक में कहा है कि लाड़ली लक्ष्मी योजना को शिक्षा और रोजगार से जोड़ा जाएगा। समाज में यह धारणा स्थापित करना है कि बेटी बोझ नहीं, बुढ़ापे का सहारा है। लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत लाड़लियाँ, सशक्त, समर्थ, सक्षम और आत्म-निर्भर बनकर समाज में योगदान दें, इसके लिए लाड़ली लक्ष्मियों को उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, रोजगार, स्व-रोजगार आदि के लिए हरसंभव मार्गदर्शन और प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना में बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण, कौशल संवर्धन और उन्हें आत्म-निर्भर बनाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए योजना को नया स्वरूप प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत सभी बालिकाओं की शिक्षा की निरंतरता के लिए कक्षावार ट्रेकिंग की जाएगी। लाड़ली लक्ष्मी बालिका के पहली में प्रवेश लेने से लेकर 12वीं कक्षा तक ट्रेकिंग के लिए पोर्टल विकसित किया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मियों के व्यक्तित्व विकास के लिए उन्हें एन.सी.सी, एन.एस.एस. जैसी गतिविधियों से भी जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 12वीं कक्षा के बाद लाड़ली लक्ष्मी की रूचि, दक्षता और क्षमता के अनुसार उच्च शिक्षा या तकनीकी या व्यावसायिक शिक्षा के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कॉउंसलिंग और कोचिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। बालिकाओं को स्टार्टअप, लघु-मध्यम उद्योग और निजी क्षेत्र में रोजगार से जोड़ने के लिए भी आवश्यक प्रशिक्षण एवं कौशल उन्नयन के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि योजना में पंजीकृत बालिकाओं को 12वीं कक्षा तक पढ़ाई पूरी करने पर आगे की शिक्षा अथवा व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहन स्वरूप 20 हजार रूपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। एक लाख रूपए में से शेष 80 हजार रूपए का भुगतान 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर होगा।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 39 लाख 37 हजार बालिकाएँ लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत हैं। लाड़ली लक्ष्मी निधि में 9,150 करोड़ रूपए जमा हैं। स्कूल जाने वाली पांच लाख 91 हजार 203 बालिकाओं को 136 करोड़ की छात्रवृत्ति का अब तक वितरण किया जा चुका है। प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी अधिनियम 2018 प्रभावशील है। योजना के अंतर्गत वर्तमान में कक्षा छठवी में प्रवेश पर दो हजार रूपए, कक्षा नवमीं में प्रवेश पर चार हजार रूपए, कक्षा 11 में प्रवेश पर छह हजार रूपए और कक्षा 12 में प्रवेश पर छह हजार रूपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। बालिका के 12वीं की परीक्षा में शामिल होने और 18 वर्ष की आयु तक विवाह न करने तथा 21 वर्ष पूर्ण होने पर एक लाख रूपए के भुगतान की व्यवस्था है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.