2.5 लाख में लड़की, 3.5 लाख में लड़का खरीद-बिक्री वाले गिरोह का पर्दाफाश, 7 गिरफ्तार

2.5 लाख रुपये में लड़की, 3.5 लाख में लड़का यह मोल भाव सभी को चौंका सकता है. लेकिन यही हकीकत है नागपुर में ऐसा ही हो रहा है. मासूम बच्चों की खरीदी बिक्री करने वाले अंतरराज्यीय स्तर के मानव तस्कर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है.

2.5 लाख रुपये में लड़की, 3.5 लाख में लड़का यह मोल भाव सभी को चौंका सकता है. लेकिन यही हकीकत है नागपुर में ऐसा ही हो रहा है. मासूम बच्चों की खरीदी बिक्री करने वाले अंतरराज्यीय स्तर के मानव तस्कर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है.

author-image
Sushil Kumar
एडिट
New Update
प्रतीकात्मक फोटो

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

2.5 लाख रुपये में लड़की, 3.5 लाख में लड़का यह मोल भाव सभी को चौंका सकता है. लेकिन यही हकीकत है नागपुर में ऐसा ही हो रहा है. मासूम बच्चों की खरीदी बिक्री करने वाले अंतरराज्यीय स्तर के मानव तस्कर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. गिरोह की मुखिया और उसके लिए काम कर रहे कई एजेंट पुलिस ने जाल बिछाकर पकड़े हैं. नागपुर की क्राइम ब्रांच ने प्रकरण दर्ज कर 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह रैकेट पूरे महाराष्ट्र के साथ-साथ मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सक्रिय है. इस गिरोह के तह तक जाने का नागपुर क्राइम ब्रांच पुलिस ने निर्णय लिया और उसी के तहत जाल बिछाया गया.

Advertisment

पहले संपर्क करने की कोशिश की गई. सफलता मिलते ही पुलिस ने अपने विभाग की एक पुलिस महिला कर्मचारी और एक अन्य व्यक्ति को पति-पत्नी के रूप में तैयार किया. दोनों नकली ग्राहक (असली खेल) के लिए गिरोह के पास पहुंचे. गिरोह के मुखिया शर्मिला विजय खागसे से उनकी सीधी बातचीत हुई. उसने उनके सामने ढाई लाख रुपये में लड़की और 3.5 लाख में लड़का देने की हामी भरी. उन्होंने सौदे की बात कबूल कर ली है. नागपुर के मेडिकल चौक पर उन्हें बच्चा सुपुर्द किया जाएगा. शर्मिला ने पहले उन्हें किसी नवजात को देने की बात कही थी. बाद में बताया कि किसी कारणवश ऐसा नहीं हो पाएगा. 4 साल की बच्ची फिलहाल वह दे सकती है. क्योंकि नकली ग्राहक बनी पुलिस का मकसद कुछ और ही था. इसलिए दोनों नकली पति-पत्नी तैयार हो गए.  

निर्धारित तिथि पर पति-पत्नी नकली ग्राहक मेडिकल चौक पर पहुंचे. उनका इंतजार करने लगे. कुछ ही देर में  बच्ची के साथ वहां पहुंचे. लेनदेन के बाद नकली ग्राहक दंपती ने कुछ अंतराल पर सादे लिबास में खड़े विभाग को कार्रवाई करने का संकेत दिया. पुलिस ने मौके पर सुरेंद्र और शर्मिला को दबोच लिया. इन से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने शैला मंचलवार, लक्ष्मी राणे और मनोरमा ढवले को भी घर से दबोचा. तीनों अपना हिस्सा लेने के लिए नागपुर के गणेश पेट मुख्य बस स्टेशन पर खड़ी थी. सुरेंद्र शर्मिला की निशानदेही पर उन्हें गिरफ्तार किया गया. पूजा पटले को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया. विशेष बात यह है कि आरोपियों में शामिल शैला ने कुछ दिन पहले ही खुद के 12 दिन के बच्चे को शर्मिला कि मदद से बेच दिया था.

पुलिस उपायुक्त राजमाने ने कहा कि जो बच्ची आरोपियों से बरामद की गई है, वह छत्तीसगढ़ के एक गांव की है. बच्ची को चोरी कर लाया या उसके माता-पिता ने ही गिरोह की मदद से उसे बेचा. इसकी पड़ताल की जा रही है और आज नागपुर से क्राइम ब्रांच की एक टीम मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो गई है. प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि यह गिरोह नागपुर, मुंबई, पुणे, नासिक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ इन राज्यों में इस तरीके की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं और पिछले 2 सालों से यह इस तरीके के मानव तस्करी को अंजाम दे रहे हैं. पुलिस उपायुक्त ने बताया कि गिरोह के सभी सदस्यों का अलग-अलग काम था. कोई बच्चे ढूंढने का काम करता. कोई बच्चे लाने का काम करता तो कोई निसंतान दंपती की तलाश करता.

Source : News Nation Bureau

maharashtra Police Nagpur Arrest Human trafacking
      
Advertisment