केंद्रीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने यहां रविवार को कहा कि भारत के मुसलमान प्रभु राम के वंशज हैं. वे मुगलों के वंशज नहीं हैं. इसलिए वे राम मंदिर का विरोध न करें और जो राम मंदिर का विरोध कर रहे हैं, वे भी समर्थन में आ जाएं, वरना उनसे हिंदू नाराज हो जाएंगे. मुस्लिमों से नफरत करने लगेंगे और अगर 'ये नफरत ज्वाला में बदल गई तो मुस्लिम सोचें फिर क्या होगा.' 'सबका साथ, सबका विकास' की रट लगाने वाले मंत्री ने कहा कि राम मंदिर जरूर बनना चाहिए. यह मुद्दा कैंसर की दूसरी स्टेज की तरह है. राम मंदिर नहीं बना तो यह लाइलाज हो जाएगा.
गिरिराज सिंह जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के बैनर तले आयोजित जनसंख्या कानून रैली को संबोधित करने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि जहां हिंदुओं की आबादी कम है, वहां उनकी आवाज बंद हो जाती है. प्रदेश के 20 जिलों में 20 साल बाद हिंदुओं की जुबान नहीं खुलेगी. देश में ऐसे 54 जिले हैं, जहां हिंदुओं की आबादी गिरी है. आने वाले सालों में 250 जिलों में यही हाल होगा. सर्वधर्म समभाव सिखाना है तो मुसलमानों को सिखाओ.
उन्होंने कहा कि सनातन को छोड़कर सर्वधर्म समभाव संभव नहीं है. देश में जहां हिंदू घटे, वहां सामाजिक समरसता टूटी है. देश का जितना नुकसान मुगलों ने नहीं किया, उतना नेताओं ने किया है. मोदी के मंत्री ने कहा, 'मैं सनातन धर्म के लिए बीजेपी, मंत्री पद व सांसदी छोड़ सकता हूं.'
वहीं पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि देश के विकास और सामाजिक समरसता के लिए जनसंख्या कानून जरूरी है. बढ़ती जनसंख्या देश की बड़ी समस्या है. देश में हर मिनट 29 बच्चे पैदा होते हैं. इस तरह देश में हर साल 2 करोड़ बच्चे पैदा हो रहे है. इसका मतलब है कि हम हर साल कई ऐसे देश पैदा कर रहे हैं जिनकी जनसंख्या 2 करोड़ के करीब है.
गिरिराज सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यक की परिभाषा बदलनी चाहिए. जहां पांच प्रतिशत हैं वहां भी अल्पसंख्यक और जहां 90-95 प्रतिशत हैं वहां भी अल्पसंख्यक, यह गलत है. उन्होंने कहा कि जो जनसंख्या कानून न माने उसका मताधिकार छीन लेने, कानूनी व आर्थिक कार्रवाई जैसे प्रावधान किए जाने चाहिए.
उन्होंने कहा कि देश में किसी फिल्मकार की हिम्मत नहीं कि इस्लाम पर टिप्पणी करे, लेकिन हिंदू धर्म का रोज मखौल उड़ाते हैं. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हर मोर्चे पर वोट के सौदागर खड़े हैं, इसलिए जिस दिन जनभागिता होगी, उस दिन राम मंदिर भी बनेगा और जनसंख्या पर कानून भी.
Source : IANS