जयललिता के निधन के करीब तीन महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि जयललिता को जन्मदिन पर मिले उपहार और नकद राशि वैध आय के तौर पर स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं। शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के बारे में भी टिप्पणी की।
कोर्ट ने कहा कि जयललिता को गिफ्ट में ज्वैलरी, कैश, डिमांड ड्राफ्ट, चांदी के सामान और सिल्क की साड़ियां मिली थीं, जिसे उनकी वैध आय के तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
1991-92 में जयललिता के जन्मदिन पर करीब 2.15 करोड़ रुपये का गिफ्ट और नकद मिला था। उस समय वह राज्य की मुख्यमंत्री थीं। उन्होंने 2 करोड़ से ज्यादा रुपये और 89 डिमांड ड्राफ्ट स्वीकार किए थे। इसके अलावा उन्हें 15 लाख रुपये नकद मिले थे।
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जयललिता ने 2 करोड़ 15 लाख की रकम केनरा बैंक में अपने निजी अकाउंट में जमा कराए थे। आयकर रिटर्न में उन्होंने इस आय को जन्मदिन के उपहार के रूप में घोषित किया था।
बता दें कि साल 1991-1996 के दौरान जयललिता के मुख्यमंत्री रहते हुए 66.65 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति के मामले में जे.जयललिता, शशिकला तथा सुधाकरन व एलावारसी को निचली अदालत ने दोषी ठहराया था। जिसे पलटते हुए 11 मई, 2015 को चारों को कर्नाटक हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया है।
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Source : News Nation Bureau