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गुलाम नबी आजाद बोले- ...इसलिए CWC का चुनाव होना जरूरी है

कांग्रेस के 23 नेताओं की ओर से सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखी गई चिट्ठी के बाद नए अध्यक्ष को लेकर पार्टी में चर्चा जारी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस की पूरी कार्यसमिति का चुनाव होना चाहिए.

Updated on: 27 Aug 2020, 06:45 PM

नई दिल्‍ली:

कांग्रेस के 23 नेताओं की ओर से सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखी गई चिट्ठी के बाद नए अध्यक्ष को लेकर पार्टी में चर्चा जारी है. पत्र में लिखी बात को दोहराते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा कि कांग्रेस की पूरी कार्यसमिति का चुनाव होना चाहिए.

कांग्रेस नेता गुलाम नवी आजाद ने कहा कांग्रेस के आंतरिक कामकाज में जिस किसी की भी वास्तविक रुचि है, वह हमारे प्रस्ताव को हर राज्य और जिला अध्यक्ष के रूप में चुने जाने का स्वागत करेगा. पूरी कांग्रेस कार्य समिति का फिर से चुनाव होना चाहिए. कांग्रेस नेताओं की ओर से लिखी गई चिट्ठी में संगठन में सुधार करने की मांग की गई थी, जिसे लेकर सीडब्ल्यू की मीटिंग में आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चला था.

गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि मेरा इरादा कांग्रेस को मजबूत और सक्रिय बनाने का है, लेकिन जिन लोगों को केवल 'अपॉइंटमेंट कार्ड' मिले, वे हमारे प्रस्ताव का विरोध करते रहे. आकिर सीडब्ल्यूसी के सदस्य चुने जाने में क्या हर्ज है, इन सदस्यों के पार्टी में स्थिर कार्यकाल होंगे.

सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं ने सीडब्ल्यूसी के बाद बैठक की

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) में सोनिया गांधी को संगठन स्तर पर सुधार करने के लिए लिखी गई चिट्ठी पर हुई बहस के बाद पत्र लिखने वाले कपिल सिब्बल, शशि थरूर सहित कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को गुलाम नबी आजादी के आवास पर बैठक की थी. सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में हुई इस बैठक में मुकुल वासनिक और मनीष तिवारी के साथ-साथ पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले कुछ अन्य नेता भी शामिल हुए.

उन्होंने बताया कि नेताओं ने सीडब्ल्यूसी में पारित प्रस्ताव पर चर्चा की, जिसमें सोनिया गांधी को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) का सत्र होने तक अंतरिम अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाने और पार्टी के समक्ष आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए संगठन स्तर पर जरूरी बदलाव करने के लिए अधिकृत किया गया है. सूत्रों ने बताया कि कोई भी नेता अपने विचार को लेकर टिप्पणी करने पर सहमत नहीं हुआ.

यह बैठक सीडल्ब्यूसी की बैठक खत्म होने के कुछ देर बाद हुई. पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 23 नेताओं में कुछ ही सीडब्ल्यूसी के सदस्य हैं. गौरतलब है कि सात घंटे तक चली पार्टी की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का हाथ हरसंभव तरीके से मजबूत करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया. साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि किसी को भी पार्टी नेतृत्व को कमजोर करने या कमतर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

गौरतलब है कि पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा और अजय सिंह शामिल हैं. इनके अलावा सांसद विवेक तन्खा, सीडब्ल्यूसी सदस्य मुकुल वासनिक और जितिन प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राजेंद्र कौर भट्ठल, एम वीरप्पा मोइली और पृथ्वीराज चव्हाण ने भी पत्र पर दस्तखत किए हैं.

उत्तरप्रदेश प्रदेश कांग्रेस समिति (पीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष राज बब्बर, दिल्ली पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, हिमाचल प्रदेश पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर, बिहार अभियान के मौजूदा अध्यक्ष अखिलेश सिंह, हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष योगनंद शास्त्री, पूर्व सांसद संदीप दीक्षित के हस्ताक्षर भी पत्र पर है.