तीन तलाक बिल पर राज्य सभा में चर्चा चल रही है. चर्चा के दौरान सदन के प्रतिपक्ष नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विधेयक शादी पर अधिकारों की सुरक्षा के लिए है, लेकिन असली मकसद परिवारों का विनाश करना है. उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक रूप से प्रेरित बिल है. पति-पत्नी अपने-अपने लिए वकील हायर करेंगे. वकील को पैसे देने के लिए जमीन बेची जाएगी. जेल का समय खत्म होने पर दोनों दिवालिया हो जाएंगे.
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गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब वे सजा काटकर जेल से बाहर आएंगे. वे या तो आत्महत्या कर लेंगे या चोर और डकैत बन जाएंगे. इस बिल के प्रति आपकी यही मंशा है. सदन में बोलते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक खत्म कर दिया तो सजा किस बात की तय की जा रही है. उन्होंने कहा कि किसी धर्म को खत्म करने के लिए कानून नहीं बनना चाहिए, बल्कि देश के लिए कानून बनना चाहिए. कहा कि तीन तलाक बिल में मुस्लिम महिलाएं के लिए कोई सुरक्षा का प्रावधान नहीं है. गुलाम नबी आजाद ने तीन तलाक का विरोध किया और सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने की बात कही.
HIGHLIGHTS
- तीन तलाक बिल का विरोध किया गुलाम नबी आजाद ने
- सेलेक्ट कमेटी के पास भेजेने की बात कही
- तीन तलाक बिल राजनीतिक रूप से प्रेरित है